बहराइच के मंसूर गांव में दुर्गा प्रतिमा जुलूस के दौरान हुई सांप्रदायिक झड़प में 22 वर्षीय युवक राम गोपाल मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस घटना के एक दिन बाद, सोमवार को जिले में तनाव का माहौल बना रहा। राम गोपाल का अंतिम संस्कार सोमवार को भारी पुलिस बल की मौजूदगी में किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।
मृतक के परिवार और अन्य लोगों ने हत्या के लिए न्याय की मांग की। राम गोपाल की मां मुन्नी देवी ने कहा, “मेरा बेटा मर गया, हमें न्याय चाहिए।” उन्होंने अधिकारियों से कार्रवाई की अपील की।
हिंसा के दौरान गुस्साई भीड़ ने दुकानों में आग लगा दी और सड़कों पर उतर आई। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दीं और भारी सुरक्षा व्यवस्था की। बहराइच की महसी तहसील में रविवार को हुई हिंसा के सिलसिले में पुलिस ने 10 नामजद और 24 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
भाजपा विधायक महसी सुरेश्वर सिंह ने बताया कि राम गोपाल की शादी सिर्फ चार महीने पहले हुई थी। उनका परिवार दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहा है।
पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है और 30 को हिरासत में लिया है। हिंसा के मुख्य आरोपी सलमान की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है। सुरक्षा के लिए पीएसी, सीआरपीएफ और आरएएफ के जवानों को तैनात किया गया है।
इस घटना पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा कि यह भारत को कमजोर करने की साजिश का हिस्सा है। भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने इसे सांप्रदायिक हिंसा की व्यापक साजिश करार दिया।
कांग्रेस की प्रियंका गांधी वाद्रा ने प्रशासन की निष्क्रियता पर दुख व्यक्त करते हुए तत्काल कार्रवाई की अपील की। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भी शांति की अपील की और प्रशासन को सतर्क रहने का सुझाव दिया।
बहराइच में हुई यह हिंसा एक बार फिर से सांप्रदायिक तनाव को उजागर करती है। प्रशासन को इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि समुदाय में शांति और सद्भाव स्थापित हो सके।