लोकसभा चुनावों में शेख अब्दुल रशीद ने नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला को हराकर बड़ी राजनीतिक सनसनी फैला दी थी। उमर अब्दुल्ला को यह विश्वास नहीं हो रहा था कि जिस कश्मीर पर उन्होंने और उनके परिवार ने लंबे समय तक राज किया, वहां उन्हें जेल में बंद एक व्यक्ति ने हरा दिया। इस करारी हार ने उमर अब्दुल्ला की नींद उड़ा दी, जिससे नेशनल कांफ्रेंस ने शेख अब्दुल रशीद की अध्यक्षता वाले राजनीतिक दल अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) में सेंध लगाने के प्रयास शुरू किए। अंततः इसमें उन्हें एक बड़ी कामयाबी मिल ही गई।
शेख अब्दुल रशीद की अध्यक्षता वाली एआईपी के कई कार्यकर्ता नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) में शामिल हो गए हैं। हालांकि, एआईपी के नेताओं का कहना है कि इससे उनके चुनावी प्रदर्शन पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि जनता उनके साथ है। श्रीनगर में हर दिन बड़ी संख्या में नेता और कार्यकर्ता एआईपी में शामिल हो रहे हैं, जिससे पार्टी का दावा है कि उसे दक्षिण और मध्य कश्मीर में बड़ा जनसमर्थन मिलने वाला है।
श्रीनगर में प्रभासाक्षी संवाददाता से बात करते हुए शेख अब्दुल रशीद के बेटे अबराब रशीद ने कहा कि जैसे लोकसभा चुनावों में उत्तरी कश्मीर ने हमारा समर्थन किया था, वैसा ही समर्थन हमें इस बार के विधानसभा चुनावों में मध्य और दक्षिण कश्मीर से मिलने जा रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि विधानसभा चुनावों में लोग उनकी पार्टी को ही चुनेंगे।
वहीं, एआईपी के प्रवक्ता इनाम उन नबी ने कहा कि कश्मीर के लोगों को अवामी इत्तेहाद पार्टी के रूप में एक नई क्षेत्रीय पार्टी का विकल्प मिल गया है। उन्होंने कहा कि हम चुनाव में उचित जनादेश की उम्मीद कर रहे हैं, क्योंकि खंडित जनादेश से कुछ हासिल नहीं होगा। उन्होंने यह भी कहा कि उत्तरी कश्मीर की लहर को दक्षिण और मध्य कश्मीर तक ले जाने की उनकी योजना है।