नई दिल्ली,(नेशनल थॉट्स ) : रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद, अब उनकी पूजा और आरती में नए बदलाव की योजना बन रही है। इसके तहत, पूरी पद्धति को व्यवस्थित करने का प्रयास किया जा रहा है। अब रामलला की 24 घंटे के आठों पहर में अष्टयाम सेवा होगी और इसके अलावा रामलला की छह बार आरती होगी। पास जारी किए जाएंगे ताकि भक्तगण आरती में शामिल हो सकें। इस बदलाव के बारे में जल्द ही ट्रस्ट द्वारा घोषणा की जाएगी।
रामलला के पुजारियों के प्रशिक्षक, आचार्य मिथिलेश नंदिनी शरण ने इस संबंध में व्याख्या करते हुए कहा है कि अब रामलला की मंगला, श्रृंगार, भोग, उत्थापन, संध्या और शयन आरती होंगी। उत्थापन आरती की संभावना है कि पुजारी स्वयं करेंगे और इसके बाद दर्शन के लिए पर्दा खोला जाएगा। इस योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए ट्रस्ट की ओर से घोषणा की जाएगी।
उत्थापन आरती में उतरेगी नजर
मंगला आरती भगवान को जगाने के लिए होती है। शृंगार आरती में उन्हें सजाया जाता है। भोग आरती में पूड़ी-सब्जी-खीर का भोग लगाया जाता है। उत्थापन आरती रामलला की नजर उतारने के लिए की जाती है। संध्या आरती शाम के वक्त होती है और फिर भगवान को सुलाने से पहले शयन आरती।दोपहर में हर घंटे लगेगा भोग
दोपहर में रामलला को पूड़ी-सब्जी, रबड़ी-खीर के भोग के अलावा हर घंटे दूध, फल व पेड़े का भी भोग लगेगा। रामलला सोमवार को सफेद, मंगलवार को लाल, बुधवार को हरा, बृहस्पतिवार को पीला, शुक्रवार को क्रीम, शनिवार को नीला व रविवार को गुलाबी रंग वस्त्र पहनेंगे। विशेष दिनों में वे पीले वस्त्र धारण करेंगे।
सुबह 6:00 बजे से होंगे दर्शन
नए मंदिर में सुबह 3:30 से 4:00 बजे पुजारी मंत्र से रामलला को जगाएंगे, फिर मंगला आरती होगी। 5:30 बजे शृंगार आरती व 6 बजे से दर्शन शुरू होंगे। दोपहर में मध्याह्न भोग आरती होगी। फिर उत्थापन, संध्या आरती व भगवान को सुलाते वक्त शयन आरती होगी। पहला मौका होगा जब रामलला की भोग-सेवा सभी मानक पद्धतियों से होगी। 40 दिन तक रोज रामलला का शेष अभिषेक होगा। 60 दिन तक कलाकार स्वरांजलि देंगे।