महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या ने मुंबई की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस मामले में मुंबई पुलिस बिश्नोई गैंग के तार जुड़ने की आशंका जता रही है और तीसरे आरोपी की पहचान भी हो चुकी है। आइए जानते हैं इस मामले से जुड़ी अहम बातें।
शनिवार को दुर्गा विसर्जन के दौरान बाबा सिद्दीकी को मुंबई के बांद्रा इलाके में खेर नगर स्थित उनके बेटे और विधायक जीशान सिद्दीकी के कार्यालय के बाहर गोली मार दी गई। तीन हमलावरों ने उन पर गोलियां चलाईं, जिसके बाद उन्हें लीलावती अस्पताल ले जाया गया। हालांकि, गंभीर चोटों और अत्यधिक खून बहने के कारण डॉक्टर उन्हें नहीं बचा सके, और रात 11:27 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
पुलिस ने शुरुआती जांच के आधार पर दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। हरियाणा के गुरमैल बलजीत सिंह और उत्तर प्रदेश के धर्मराज कश्यप को हिरासत में लिया गया है। तीसरा आरोपी, जिसका नाम शिव कुमार है, उत्तर प्रदेश का रहने वाला है और फिलहाल फरार है। पुलिस उसे पकड़ने के लिए मुंबई में कई ठिकानों पर छापेमारी कर रही है।
दोनों गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ के दौरान बिश्नोई गैंग से जुड़े होने की बात स्वीकार की है। पुलिस ने यह भी खुलासा किया कि उन्होंने हत्या से पहले 25-30 दिनों तक इलाके की रेकी की थी। हमलावरों ने सिद्दीकी पर उस समय हमला किया जब दुर्गा विसर्जन के दौरान पटाखे फोड़े जा रहे थे, ताकि गोलीबारी की आवाज छिप सके।
इस हत्याकांड के संबंध में निरमल नगर पुलिस स्टेशन में अपराध संख्या 589/2024 के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसमें भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 103(1), 109, 125 और 3(5), आर्म्स एक्ट की धारा 3, 25, 5 और 27, और महाराष्ट्र पुलिस एक्ट की धारा 37 और 137 के तहत केस दर्ज किया गया है।
बाबा सिद्दीकी ने तीन बार बांद्रा (पश्चिम) सीट से विधानसभा का प्रतिनिधित्व किया था। वह मुंबई के एक प्रतिष्ठित मुस्लिम नेता थे और कई बॉलीवुड हस्तियों के करीब माने जाते थे। इस साल फरवरी में वह अजित पवार नीत एनसीपी में शामिल हुए थे। सिद्दीकी को वाई श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त थी, और उनकी हत्या ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है।