इन महान क्रांतिकारियों में से एक Veer Bhagat Singh थे, जिनका जन्म 28 september 1907 को हुआ था। भगत सिंह ने भारत को आजादी दिलाने के लिए अंग्रेजों के खिलाफ मोर्चा खोला। central assembly में बम फेंककर उन्होंने आजादी की मांग को हर देशवासी के कानों तक पहुंचा दिया। जेल में भी, अंग्रेजी हुकूमत की प्रताड़ना के बावजूद, भगत सिंह ने आजादी की मांग को जीवंत रखा।
Sacrifice for India’s independence
भगत सिंह जी ने भारत को अंग्रेजों की गुलामी से मुक्ति दिलाने के लिए अपने प्राणों का बलिदान किया। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के माध्यम से आजादी की लड़ाई में भाग लिया, और इसके लिए अहिंसा और साहस का प्रतीक बने।
bomb blast for freedom
भगत सिंह ने आजादी की लड़ाई को घर-घर तक पहुंचाने के लिए 8 अप्रैल को सेंट्रल असेंबली में एक बड़ा धमाका किया। इस धमाके से उन्होंने आजादी की मांग को देशवासियों के सामने रखा और अंग्रेजी हुकूमत को चुनौती दी।
movement in prison
भगत सिंह के कैद के दौरान उन्होंने लेख लिखकर अपने विचार जाहिर किए और देशभक्ति की भावना को बढ़ावा दिया। वह विभिन्न भाषाओं में जानकार थे और उन्होंने अपने संदेश को व्यापक तरीके से पहुंचाने का प्रयास किया।
Sentence to death
भगत सिंह, सुखदेव, और राजगुरु को 24 मार्च 1931 को फांसी की सजा सुनाई गई, लेकिन उनके साहसी और आजादी की मांग के साथ जीवन की तय कदमों पर खड़ा होने का प्रमाण दिया।
Government is afraid of Bhagat Singh
भगत सिंह जी के आंदोलन ने पूरे देश में आजादी की जंग की शुरुआत की और अंग्रेजों को डराया। उनकी शहादत के बाद, भारतीय जनता की आजादी के लिए संकल्प और उत्साह में वृद्धि हुई।
आज शहीद क्रांतिकारी भगत सिंह की जयंती पर हमें उनके योगदान को सलाम करना चाहिए और उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए।