सुप्रीम कोर्ट अनुसूचित जाति और जनजाति आरक्षण में क्रीमी लेयर पर पहले ही फैसला सुना चुकी है। इस फैसले के खिलाफ कई संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया है। इस बंद को राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का भी समर्थन प्राप्त है।
दलित और आदिवासी संगठनों ने नौकरियों और शिक्षा में हाशिए पर पड़े समुदायों के व्यापक प्रतिनिधित्व की मांग और उनके संवैधानिक अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इस ‘भारत बंद’ का आह्वान किया है। इस बंद को शांतिपूर्ण हड़ताल के रूप में देखा जा रहा है।
दलित और आदिवासी संगठनों के राष्ट्रीय परिसंघ (NACDAOR) ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए न्याय और समानता की मांग की है। NACDAOR ने मांगों की एक सूची जारी की है, जिसमें सरकार से नौकरियों और शिक्षा में इन समुदायों के लिए सामाजिक न्याय और समान प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने की बात कही गई है। साथ ही, सभी ओबीसी और एससी/एसटी समूहों से इस बंद में शांतिपूर्वक भाग लेने का आग्रह किया गया है।
**जहानाबाद:** आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के समर्थकों ने बिहार के जहानाबाद में राष्ट्रीय राजमार्ग 83 को जाम कर दिया है। बिहार में भारत बंद का व्यापक असर देखा जा रहा है। पटना में भी भारी संख्या में लोग सड़कों पर उतरकर इस फैसले का विरोध कर रहे हैं।
**शेखपुरा:** भीम सेना के समर्थकों ने शेखपुरा में सड़कों को जाम कर नारेबाजी की। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने भी इस भारत बंद का समर्थन किया है, जिससे बंद का प्रभाव और बढ़ गया है।