टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा का निधन 86 वर्ष की आयु में हो गया। उनके पार्थिव शरीर को सुबह दक्षिण मुंबई स्थित राष्ट्रीय प्रदर्शन कला केंद्र (एनसीपीए) ले जाया गया, जहां श्रद्धांजलि देने के लिए लोगों की भीड़ लगी रही। सफेद फूलों से सजा वाहन उनके अंतिम दर्शन के लिए तैयार था। अंतिम दर्शन का समय सुबह 10 बजे से दोपहर 3:30 बजे तक रखा गया है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने घोषणा की है कि रतन टाटा को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी। इसके साथ ही, महाराष्ट्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। मंत्रिमंडल ने दिवंगत रतन टाटा को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित करने के लिए केंद्र से अनुरोध करने का प्रस्ताव पारित किया है।
महाराष्ट्र कैबिनेट की बैठक में यह प्रस्ताव रखा गया कि रतन टाटा का नाम ‘भारत रत्न’ पुरस्कार के लिए आगे बढ़ाया जाना चाहिए। बैठक के दौरान, रतन टाटा की याद में शोक प्रस्ताव भी पारित किया गया।
रतन टाटा के निधन की खबर सुनने के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर, और उद्योगपति मुकेश अंबानी अस्पताल पहुंचे थे। टाटा का पार्थिव शरीर अस्पताल से पुलिस सुरक्षा में एम्बुलेंस के माध्यम से कोलाबा स्थित उनके आवास पर ले जाया गया।
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने जानकारी दी है कि रतन टाटा को श्रद्धांजलि देने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने बृहस्पतिवार को राज्य में एक दिवसीय शोक की घोषणा की है।
इस कठिन समय में रतन टाटा की विरासत और उनके योगदान को याद किया जा रहा है, और उन्हें ‘भारत रत्न’ से सम्मानित करने का प्रस्ताव उनके प्रति श्रद्धांजलि के रूप में देखा जा रहा है।