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काबुल से बड़ी खबर! जयशंकर ने अपने दूत को अचानक तालिबान से मिलने क्यों भेजा?

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अफगानिस्तान में पहली बार भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने तालिबान के कार्यवाहक रक्षा मंत्री मुल्ला मोहम्मद याकूब से मुलाकात की। इस बैठक का उद्देश्य दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने और विस्तार के संभावित रास्तों पर चर्चा करना था। याकूब, जो तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर के बेटे हैं, ने इससे पहले भारतीय प्रतिनिधियों के साथ सार्वजनिक वार्ता नहीं की थी।

इस ऐतिहासिक बैठक में विदेश मंत्रालय के पाकिस्तान-अफगानिस्तान-ईरान डिवीजन के संयुक्त सचिव जेपी सिंह ने काबुल में तालिबान के अन्य वरिष्ठ नेताओं से भी मुलाकात की। इसके तहत सिंह ने तालिबान के कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी और पूर्व अफगान राष्ट्रपति हामिद करजई से भी अलग-अलग बैठकें कीं। भारतीय पक्ष ने इस पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, हालांकि रक्षा मंत्रालय ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर कहा कि दोनों पक्षों ने मानवीय सहायता और अन्य मुद्दों पर संबंधों के विस्तार की इच्छा जाहिर की है।

अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने अपने पोस्ट में बताया कि बैठक में दोनों पक्षों ने विशेष रूप से मानवीय सहायता और आपसी सहयोग को बढ़ाने पर सहमति जताई। करजई ने भी एक्स पर पोस्ट कर बताया कि उन्होंने और सिंह ने दोनों देशों के ऐतिहासिक संबंधों को और मजबूत करने पर जोर दिया है।

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