देश के सबसे बड़े सेक्स स्कैंडल और अजमेर ब्लैकमेल कांड में न्याय की ओर एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ते हुए, कोर्ट ने बाकी 7 आरोपियों में से 6 (नफीस चिश्ती, नसीम उर्फ टार्जन, सलीम चिश्ती, इकबाल भाटी, सोहिल गनी, सैयद जमीर हुसैन) को दोषी करार दिया है। अजमेर की विशेष पोक्सो कोर्ट दोपहर 2 बजे सजा की घोषणा करेगी। इस बीच, इकबाल भाटी को एंबुलेंस से दिल्ली से अजमेर लाया गया है, जबकि अन्य आरोपी पहले से ही कोर्ट में मौजूद हैं। इन छह आरोपियों के खिलाफ 23 जून 2001 को आरोप पत्र पेश किया गया था और उनकी सुनवाई जुलाई में पूरी हो गई थी। हालांकि, एक आरोपी के खराब स्वास्थ्य के कारण फैसले की तारीख 20 अगस्त दी गई थी।
1992 में, 100 से अधिक कॉलेज लड़कियों के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया और उनकी नग्न तस्वीरें प्रसारित की गईं। इस मामले में कुल 18 आरोपी थे, जिनमें से 9 को सजा हुई है, एक ने आत्महत्या की, और एक पर बाल उत्पीड़न के आरोप में अलग से मुकदमा चलाया गया। एक आरोपी फरार है और अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया है।
इस कांड के मास्टरमाइंड अजमेर युवा कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष फारूक चिश्ती, नफीस चिश्ती और अनवर चिश्ती थे। इन आरोपियों ने एक व्यापारी के बेटे के साथ बलात्कार किया और उसकी नग्न तस्वीरें खींचीं। इसके बाद, उन्होंने ब्लैकमेल के लिए उसकी प्रेमिका को पोल्ट्री फार्म में ले जाकर बलात्कार किया और उसकी तस्वीरें खींची। इस प्रक्रिया में कई लड़कियों से बलात्कार किया गया और नग्न तस्वीरें खींची गईं।
आरोपी ने फोटो डेवलप करने के लिए रील दी, जिससे न्यूड तस्वीरें लैब स्टाफ के होश उड़ा गईं। ये तस्वीरें बाजार में प्रसारित हो गईं, जिससे 6 कॉलेज लड़कियों ने आत्महत्या कर ली।
पहली चार्जशीट में 12 आरोपियों के नाम थे। पुलिस ने इस मामले में कैलाश सोनी, हरीश तोलानी, फारूक चिश्ती, इशरत अली, मोइजुल्लाह उर्फ पुतान इलाहाबादी, परवेज अंसारी, नसीम उर्फ टार्जन, पुरूषोत्तम उर्फ बबली, महेश लुधानी, अनवर चिश्ती, शमसु उर्फ माराडोना को गिरफ्तार किया था। पहली चार्जशीट 8 आरोपियों के खिलाफ थी और उसके बाद 4 अलग-अलग चार्जशीट दाखिल की गईं। पुलिस की गलती के कारण, मामले में लंबे समय तक न्याय नहीं मिल सका और बार-बार नए आरोप पत्र दाखिल करने की आवश्यकता पड़ी।
इस मामले में न्याय की उम्मीद अब भी बरकरार है और दोषियों को सजा मिलने की प्रतीक्षा की जा रही है।