बिहार के बाहुबली नेता और मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह को पटना हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सबूतों के अभाव में हाई कोर्ट ने उन्हें AK-47 मामले में बरी कर दिया है। इससे पहले सिविल कोर्ट ने इस मामले में उन्हें दोषी ठहराया था और सजा सुनाई थी। हालांकि, मई महीने में वह पैरोल पर बाहर आए थे, लेकिन अब हाई कोर्ट के फैसले के बाद उनका जेल से रिहाई का रास्ता साफ हो गया है।
अनंत सिंह मोकामा से लगातार चार बार विधायक रहे हैं। हालांकि दोषी ठहराए जाने के बाद उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया था, और उनकी पत्नी ने वहां से विधायक के रूप में कार्यभार संभाला। अनंत सिंह की छवि एक बाहुबली नेता के रूप में जानी जाती है, और अपने क्षेत्र में उन्हें ‘छोटे सरकार’ के नाम से भी पहचाना जाता है।
बुधवार को पटना हाई कोर्ट के जस्टिस चंद्रशेखर झा ने AK-47 बरामदगी और एक अन्य केस में सबूतों की कमी के चलते अनंत सिंह को बरी कर दिया। जस्टिस चंद्रशेखर झा की बेंच ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था, जिसे अब सुनाया गया है।
अनंत सिंह के बरी होने की खबर के बाद उनके समर्थकों और परिवार में खुशी की लहर है। समर्थकों का कहना है कि यह न्याय की जीत है और अनंत सिंह पहले भी निर्दोष थे।
अनंत सिंह के बरी होने के बाद बिहार की राजनीति में भी हलचल मची है। उनके समर्थकों का मानना है कि इससे भाजपा-जदयू गठबंधन मजबूत होगा। खासतौर पर मुंगेर लोकसभा चुनाव में ललन सिंह की जीत में अनंत सिंह का बड़ा योगदान माना जाता है।
अब यह चर्चा है कि अनंत सिंह आगामी विधानसभा चुनाव में मोकामा से पुनः चुनाव लड़ सकते हैं, जिससे बिहार की राजनीति में एक नई दिशा मिल सकती है।