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Bihar News: 18 years report of Nitish government; 34 percent families are facing poverty

Bihar News :नीतीश सरकार की 18 साल की रिपोर्ट; 34 प्रतिशत परिवारों को गरीबी का सामना करना पड़ रहा है

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नई दिल्ली,(नेशनल थॉट्स ) – 18 सालों तक भारतीय जनता पार्टी के साथ और बाकी समय राष्ट्रीय जनता दल-कांग्रेस के साथ रहने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने इतिहास बना दिया है। देश में पहली बार जाति आधारित जनगणना के बाद, एक जाति आधारित आर्थिक सर्वेक्षण भी पेश किया गया है। 
इनमें मुख्य रूप से पांच करोड़ परिवार हैं, जिनमें अनुसूचित जातियों के गरीब परिवार सबसे ज्यादा 42.93 प्रतिशत है, जबकि सामान्य वर्ग के गरीब परिवार सबसे कम होकर भी 25.09 फीसदी हैं।

कोटिवार गरीब परिवारों में अनुसूचित जाति आगे
2 अक्टूबर को गांधी जयंती के दिन, नीतीश सरकार ने जाति आधारित जनगणना की रिपोर्ट जारी की थी। उसी रिपोर्ट के साथ, इस आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट को भी प्रकाशित किया गया है। इस रिपोर्ट के अनुसार, बिहार में सबसे ज्यादा 98 लाख 84 हजार 904 परिवार अत्यंत पिछड़ी जातियों के हैं, जिनमें 33.58 प्रतिशत, यानी 33 लाख 19 हजार 509 परिवार गरीब हैं।

पारिवारिक संख्या के हिसाब से, दूसरे नंबर पर पिछड़ा वर्ग है। पिछड़ा वर्ग के राज्य में 74 लाख 73 हजार 529 परिवार हैं, जिनमें 33.16 प्रतिशत, यानी 24 लाख 77 हजार 970 परिवार गरीब हैं। तीसरे नंबर पर अनुसूचित जातियों के परिवार की संख्या है। राज्य में अनुसूचित जाति के 54 लाख 72 हजार 024 परिवार हैं, जिनमें 42.93 प्रतिशत, यानी 23 लाख 49 हजार 111 परिवार गरीब हैं।

सामान्य वर्ग के परिवारों में एक चौथाई गरीब
सरकार की ओर से कोटिवार आर्थिक रूप से गरीब परिवारों की जो संख्या जारी की गई है, उसमें सामान्य वर्ग के एक चौथाई परिवार गरीब दिख रहे हैं। सामान्य वर्ग के परिवारों की कुल संख्या 42 लाख 28 हजार 282 है, जिनमें 25.09 प्रतिशत परिवार गरीब हैं। 
 
यानी, 10 लाख 85 हजार 913 परिवार सामान्य वर्ग में होकर भी गरीब हैं। पांच प्रमुख कोटियों के अलावा, इस रिपोर्ट में ‘अन्य प्रतिवेदित जातियों’ का एक कॉलम रखा गया है, जिनके परिवार की कुल संख्या 39 हजार 935 बताई गई है। इनमें 23.72 प्रतिशत, यानी 9474 परिवार गरीब हैं।”

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