बिहार के समस्तीपुर जिले में एक निर्माणाधीन पुल का एक हिस्सा ढह गया, लेकिन इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ। यह पुल बख्तियारपुर और ताजपुर गंगा महासेतु को जोड़ने के लिए बनाया जा रहा था।
यह घटना हाल के दिनों में बिहार के विभिन्न जिलों में पुलों के ढहने की बढ़ती घटनाओं के बीच आई है। इन जिलों में सीवान, सारण, मधुबनी, अररिया, पूर्वी चंपारण और किशनगंज शामिल हैं, जिससे राज्य के बुनियादी ढांचे की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा हो गई हैं।
इस मामले को लेकर राजनीतिक सियासत तेज हो गई है। राजद के नेता लालू यादव ने नीतीश कुमार की सरकार पर हमला किया है। राजद नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि बिहार में अपराध और पुलों के टूटने की घटनाएं बढ़ रही हैं, जिससे सरकार की विश्वसनीयता पर सवाल उठता है।
जदयू नेता नीरज कुमार ने सफाई देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यकाल में लगभग हर 40 किमी पर गंगा पर पुल का निर्माण हो रहा है। उन्होंने कहा कि यदि बख्तियारपुर-ताजपुर का स्पैन ढहने का कोई सवाल नहीं है, क्योंकि इसकी ढलाई ही नहीं हुई थी।
एक सप्ताह पहले जमुई जिले में बरनार नदी पर बने बेली ब्रिज का एक हिस्सा झुक गया था, लेकिन उसमें कोई घायल नहीं हुआ। अधिकारियों ने बताया कि पिछले साल सड़क निर्माण विभाग द्वारा बनाया गया पुल पांच दिनों में पूरी तरह से चालू हो जाएगा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संबंधित अधिकारियों को राज्य के सभी पुराने पुलों का सर्वेक्षण करने और उन पुलों की पहचान करने का निर्देश दिया है, जिनकी तत्काल मरम्मत की आवश्यकता है।