देशभर में छठे चरण के लिए मतदान जारी है। छठे चरण के मतदान से पहले पश्चिम बंगाल में दो अलग-अलग घटनाएं घटी हैं, जिनसे सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं। इन घटनाओं ने चुनावी माहौल को तनावपूर्ण बना दिया है और प्रशासन की तैयारियों पर संदेह उत्पन्न कर दिया है।
वोटिंग के दौरान सुरक्षा को लेकर कई चिंताएं उठ रही हैं, जिससे मतदाताओं और राजनीतिक कार्यकर्ताओं के बीच भय का माहौल बना हुआ है। इन घटनाओं की वजह से चुनाव आयोग और राज्य सरकार की तत्परता पर भी प्रश्नचिन्ह लग गया है।
इन घटनाओं के चलते पश्चिम बंगाल में सुरक्षा की स्थिति को और मजबूत करने की मांग उठ रही है, ताकि आगामी चरणों में शांतिपूर्ण और निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित हो सके।
छठे चरण के मतदान से पहले पूर्वी मिदनापुर में एक तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता की हत्या हो गई है। इसके अलावा एक कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हुआ है। यह घटना पूर्वी मिदनापुर के महिषादल की है, जहां शुक्रवार की रात को चुनावी रंजिश के चलते टीएमवाईसी के उपाध्यक्ष की हत्या कर दी गई। घर लौटते समय बीजेपी के कुछ लोगों ने उनकी हत्या की। घटना के बाद स्थानीय पुलिस ने पांच भाजपा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है।
इसके अलावा, एक अन्य मामले में बच्चा इलाके में शुक्रवार की रात को तृणमूल कांग्रेस और भाजपा कार्यकर्ताओं में झड़प हुई। इस घटना में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता को गंभीर चोटें आई हैं। कहा जा रहा है कि पीड़ित को लोहे की रोड और बस से पीटा गया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। घटना के बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।
छठे चरण के तहत पश्चिम बंगाल की 8 सीटों पर मतदान किया जा रहा है। सभी जगहों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं, मगर बंगाल में हुई हिंसा की इन दोनों घटनाओं ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।