जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। पहले चरण का मतदान 18 सितंबर को संपन्न हो चुका है, जबकि दूसरे चरण का मतदान 25 सितंबर और तीसरे चरण का मतदान 01 अक्तूबर को होगा। परिसीमन के बाद, अब राज्य की जनता 90 विधानसभा सीटों के लिए अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करेगी। इनमें से एक महत्वपूर्ण सीट बडगाम है, जहां दूसरे चरण में मतदान होना है। इस सीट से जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (JKNC) के उमर अब्दुल्ला और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (JKPDP) के आगा सैयद मुंतजिर मेहदी चुनावी मुकाबले में हैं।
बडगाम विधानसभा सीट का इतिहास 1962 से जुड़ा हुआ है, और तब से यहां JKNC का दबदबा रहा है। पिछले 10 वर्षों में केवल एक बार ही JKNC को हार का सामना करना पड़ा है, जो कि 1972 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार मोहम्मद मीर की जीत के रूप में था। इसके बाद से इस सीट पर JKNC के प्रत्याशी ही विजयी रहे हैं। इस लिहाज से, उमर अब्दुल्ला के लिए यह सीट महत्वपूर्ण है, लेकिन आगा सैयद मुंतजिर मेहदी भी एक प्रभावशाली नेता हैं, जो उनकी जीत में रुकावट डाल सकते हैं।
उमर अब्दुल्ला बडगाम और गंदेरबल दोनों विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़ रहे हैं। वह बडगाम सीट पर पार्टी का दबदबा बनाए रखने के लिए प्रयासरत हैं। हालांकि, क्षेत्र में विकास कार्यों की कमी के कारण स्थानीय लोगों में असंतोष है, जो उनके लिए चुनौती पेश कर सकता है।
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार आगा सैयद मुंतजिर मेहदी, उमर अब्दुल्ला की राह को मुश्किल बनाने के लिए तैयार हैं। उनकी बडगाम के शिया इलाकों में अच्छी पकड़ है, जिससे वह अब्दुल्ला को अप्रत्याशित चुनौती दे सकते हैं। 25 सितंबर को होने वाले मतदान में इन दोनों के बीच रोचक मुकाबला देखने को मिल सकता है।
साल 2014 के विधानसभा चुनाव में JKNC के प्रत्याशी ने बडगाम सीट पर जीत हासिल की थी। उस चुनाव में JKNC के सैयद रुहुल्लाह मेहदी को 30,090 वोट मिले थे, जबकि JKPDP के मोहिउद्दीन भट्ट मुंतजिर को 27,303 वोट प्राप्त हुए थे। इस प्रकार, इस बार की चुनावी दौड़ भी काफी दिलचस्प होने की संभावना है।