कर्नाटक में 15% किराया वृद्धि: जनता को हो सकती है परेशानी
कर्नाटक में आने वाले दिनों में राज्य परिवहन निगम के घाटे के कारण आम जनता पर वित्तीय दबाव बढ़ सकता है। कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (KSRTC) के बढ़ते घाटे को कम करने के लिए 15% तक बस किराया बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है। अगर यह प्रस्ताव लागू होता है, तो कर्नाटक के यात्रियों को आर्थिक रूप से कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है।
KSRTC का 295 करोड़ रुपये का घाटा
रिपोर्ट के अनुसार, KSRTC को पिछले तीन महीनों में 295 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। कर्नाटक राज्य परिवहन निगम (KSRTC और BMTC सहित) के अधिकारियों ने किराए में 15% बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा है, ताकि बढ़ते परिचालन लागत और राजस्व के अंतराल को संबोधित किया जा सके। यह कदम सरकारी परिवहन सेवा की वित्तीय स्थिरता को बनाए रखने के लिए जरूरी बताया जा रहा है।
डीजल की कीमतों में वृद्धि और ‘शक्ति योजना’ का प्रभाव
रिपोर्ट में कहा गया है कि डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी और सरकारी योजना ‘शक्ति योजना’ के लागू होने से KSRTC को घाटा हुआ है। इस योजना के तहत महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा की सुविधा दी गई है, जिससे वित्तीय दबाव और बढ़ गया है। परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने इस बात की पुष्टि की कि बीएमटीसी को प्रतिदिन 40 करोड़ रुपये का खर्च आता है, जबकि राजस्व केवल 34 करोड़ रुपये है।
मुख्यमंत्री की मंजूरी का इंतजार
अब यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के पास मंजूरी के लिए भेजा गया है। अधिकारियों का कहना है कि किराया वृद्धि राज्य के सार्वजनिक परिवहन सेवाओं की स्थिरता के लिए आवश्यक है। हालांकि, राज्य सरकार को इस बढ़ोतरी को लागू करने से पहले संतुलन बनाने की चुनौती का सामना करना पड़ेगा।
यदि यह प्रस्ताव मंजूर होता है, तो कर्नाटक में यात्रा करने वाले नागरिकों को अतिरिक्त वित्तीय बोझ का सामना करना पड़ सकता है।