बॉलीवुड अभिनेत्री, फिल्म निर्माता और सांसद कंगना रनौत की परेशानियों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। उनकी फिल्म “इमरजेंसी” की रिलीज को लेकर आई समस्याओं के बीच अब एक नया कानूनी नोटिस भी आया है। चंडीगढ़ की जिला अदालत ने कंगना को 5 दिसंबर को अदालत में पेश होने के लिए बुलाया है। यह नोटिस एक वकील द्वारा दायर की गई याचिका पर जारी किया गया है, जिसमें फिल्म “इमरजेंसी” को लेकर शिकायत की गई है।
कंगना रनौत पर आरोप है कि उन्होंने अपनी फिल्म में सिख समुदाय की छवि को ‘कलंकित’ किया है। फिल्म “इमरजेंसी” भारत के आपातकाल पर आधारित है, जिसे दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने लागू किया था। रविंदर सिंह बस्सी, जो कि जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष और वकील हैं, ने इस मामले में शिकायत की है। उनका कहना है कि फिल्म में सिख समुदाय के खिलाफ कई ‘झूठे आरोप’ लगाए गए हैं और इसलिए कंगना के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की गई है।
कंगना रनौत की फिल्म “इमरजेंसी” अब बड़े विवाद में फंस चुकी है। शिरोमणि अकाली दल सहित कई सिख संगठनों ने आरोप लगाया है कि फिल्म में सिख समुदाय को गलत तरीके से पेश किया गया है और ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर दिखाया गया है। इसके कारण फिल्म की सेंसर सर्टिफिकेट मिलने में देरी हुई है और उसकी रिलीज भी टल गई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस देरी के कारण कंगना ने अपनी मुंबई स्थित संपत्ति बेचने के लिए मजबूर हो गईं, जो कि 32 करोड़ रुपये में बेची गई है।
कंगना रनौत ने कहा है कि उन्होंने इस फिल्म के लिए अपनी निजी संपत्ति दांव पर लगाई थी। अब जब फिल्म की रिलीज नहीं हो रही है, तो उन्होंने संपत्ति बेच दी है। यह फिल्म 1975 में इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल पर आधारित है और इसमें अनुपम खेर, श्रेयस तलपड़े, विशाक नायर, महिमा चौधरी और मिलिंद सोमन भी प्रमुख भूमिकाओं में हैं।