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लैटरल एंट्री का विरोध कर चिराग पासवान ने की जाति जनगणना की मांग

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केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने जाति जनगणना के समर्थन में अपनी आवाज़ बुलंद की है, जबकि कुछ दिन पहले ही उन्होंने भाजपा सरकार की लैटरल एंट्री नीति का विरोध किया था। लोजपा नेता और भाजपा के सहयोगी पासवान ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “मेरी पार्टी (लोजपा) ने हमेशा स्पष्ट रुख रखा है कि हम जाति जनगणना के पक्ष में हैं।”

अपने रुख को समझाते हुए उन्होंने कहा, “कई बार राज्य और केंद्र सरकारें लाभार्थियों की जाति को ध्यान में रखकर योजनाएं बनाती हैं। ये योजनाएं ‘पिछड़े’ वर्ग के लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए बनाई जाती हैं।” पासवान ने कहा कि जातिवार आबादी की जानकारी होने से सरकार संसाधनों और योजनाओं का उचित वितरण कर सकेगी।

केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री पासवान ने इससे पहले सरकारी नौकरियों में लैटरल एंट्री के खिलाफ बोलते हुए इसे सिविल सेवाओं में “पूरी तरह से गलत” बताया था। उनकी यह टिप्पणी भाजपा के खिलाफ जाती है, जिसके साथ वे गठबंधन में हैं। भाजपा ने संसद में विपक्ष द्वारा राष्ट्रव्यापी जाति जनगणना की मांग का विरोध किया है।

कांग्रेस, जिसने लोकसभा चुनाव के लिए अपने घोषणापत्र में जाति जनगणना का वादा किया था, ने कहा था कि सत्ता में आने पर वे पूरे देश में सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना कराएंगे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी देश में व्यक्तियों और संस्थाओं के बीच धन के वितरण को मापने के लिए इस सर्वेक्षण को आवश्यक बताया था।

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