आज सुप्रीम कोर्ट में बुलडोजर एक्शन पर महत्वपूर्ण सुनवाई होनी है, जिसमें कोर्ट गाइडलाइन जारी कर सकता है। पिछले कुछ समय से बीजेपी शासित राज्यों में अपराधियों के खिलाफ बुलडोजर एक्शन की घटनाएं बढ़ रही हैं, जिस पर कई संगठनों ने आपत्ति जताई है। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की गई हैं। अब देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट क्या दिशा-निर्देश जारी करता है।
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर सवाल उठाए थे। कोर्ट ने कहा था कि केवल आपराधिक मामलों में आरोपी होने के कारण किसी का घर गिराना उचित नहीं है। कोर्ट ने यह भी कहा कि दोषी सिद्ध होने पर भी इस तरह की कार्रवाई कानूनी रूप से सही नहीं है। इसलिए बुलडोजर एक्शन पर गाइडलाइन की जरूरत है।
न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय, न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की पीठ ने बुलडोजर कार्रवाई को लेकर गाइडलाइन बनाने की आवश्यकता जताई थी। सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों से सुझाव मांगे हैं और कहा है कि सभी के सुझावों को ध्यान में रखते हुए अखिल भारतीय स्तर पर दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे।
इस मामले में गुजरात के कठलाल से जुड़ी एक याचिका पर भी सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है, जिसमें याचिकाकर्ता जावेद अली एम सैयद ने अपने परिवार के घर पर बुलडोजर कार्रवाई से सुरक्षा की मांग की है। याचिकाकर्ता का कहना है कि उनके परिवार के एक सदस्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद नगर निगम ने उनके घर को गिराने की धमकी दी है। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर गुजरात सरकार और नगर निकाय से जवाब मांगा है और चार हफ्ते के भीतर अपना पक्ष रखने को कहा है।
आज की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट बुलडोजर एक्शन पर गाइडलाइन जारी कर सकता है, जिससे यह तय होगा कि इस तरह की कार्रवाई कानूनन कैसे की जाए। पूरा देश इस फैसले पर नजरें गड़ाए बैठा है, क्योंकि इससे आने वाले समय में इस तरह की कार्रवाइयों की वैधता और सीमा तय हो सकती है।