मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या को एक बार फिर आध्यात्मिक और सांस्कृतिक रूप से वैश्विक पहचान दिलाने की बात कही। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से भगवान राम 500 वर्षों बाद मंदिर में विराजमान हुए। अयोध्या एक नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रही है।”
रामभक्तों का संदेश
सीएम योगी ने कहा, “जो राम और माता जानकी का सम्मान नहीं करता, चाहे वह कितना भी प्रिय हो, उसे दुश्मन की तरह त्याग देना चाहिए। 1990 में रामभक्तों ने नारा दिया था, ‘जो राम का नहीं, हमारे किसी काम का नहीं।’” उन्होंने समाजवादी राजनीति की आलोचना करते हुए कहा कि आज के तथाकथित समाजवादी परिवारवाद और अपराधियों को संरक्षण देते हैं, जबकि डॉ. राम मनोहर लोहिया के आदर्शों को भुला दिया गया है।
संभल और बांग्लादेश हिंसा पर बयान
सीएम योगी ने संभल, बांग्लादेश और 500 साल पहले बाबर के आदमी द्वारा अयोध्या कुंभ में की गई घटनाओं की समानता पर जोर देते हुए कहा, “तीनों का स्वभाव और डीएनए एक जैसा है। जो तत्व बांग्लादेश में हिंसा कर रहे हैं, वही यहां भी सक्रिय हैं।” उन्होंने विदेशी संपत्ति रखने वाले लोगों को निशाने पर लिया और कहा कि ये लोग खुद भाग जाएंगे और दूसरों को मुसीबत में छोड़ देंगे।
राम के आदर्शों का अनुसरण
रामायण मेले के उद्घाटन में सीएम योगी ने श्री राम के आदर्शों पर चलने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा, “श्री राम का जीवन हमें छोटे स्वार्थों से ऊपर उठने का संदेश देता है। पिता की आज्ञा का पालन करते हुए उन्होंने राज्य का परित्याग कर वनवास स्वीकार किया। यह आदर्श आज भी हमारा मार्गदर्शन करता है।”
समाज और राजनीति का संदेश
मुख्यमंत्री ने राम के आदर्शों को सामाजिक और राजनीतिक जीवन में लागू करने की बात कही। उन्होंने कहा, “अगर हम उनके जीवन से कुछ भी सीख पाएं, तो हमारा जीवन धन्य हो जाएगा।” सीएम योगी का संबोधन न केवल धार्मिक आस्था को बल देता है, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक एकता के संदेश को भी प्रोत्साहित करता है। रामायण मेला इस संदेश का प्रतीक बनकर युवाओं को प्रेरित करेगा।