कांग्रेस ने मोदी सरकार के रोजगार सृजन के दावों पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा है कि 2014 से 2024 के बीच बेरोजगारी में वृद्धि हुई है। पार्टी ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की जुलाई में जारी केएलईएमएस (KLEMS) डेटा रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि पिछले तीन-चार सालों में लगभग 80 करोड़ नई नौकरियां सृजित हुई हैं।
कांग्रेस का आरोप है कि सरकार ने रोजगार के आंकड़ों में हेरफेर करते हुए महिलाओं द्वारा किए गए अवैतनिक घरेलू काम को भी रोजगार के रूप में गिना है। यह वास्तव में नया रोजगार सृजन नहीं है, बल्कि गलत तरीके से आंकड़े पेश किए गए हैं। पार्टी ने कहा कि रोजगार वृद्धि के दावे में अवैतनिक काम को भी शामिल किया गया है, जिससे रोजगार सृजन की संख्या बढ़ाई गई है।
कांग्रेस के संचार प्रमुख जयराम रमेश ने सरकार के रोजगार सृजन के दावों की गुणवत्ता पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि रोजगार की गुणवत्ता पर कोई चर्चा नहीं हो रही है। रमेश ने कहा कि आर्थिक स्थिति खराब होने के चलते औपचारिक और वेतनभोगी नौकरियों में कमी आई है, और श्रमिक अब कम उत्पादकता वाली अनौपचारिक और कृषि नौकरियों की ओर बढ़ रहे हैं। KLEMS रिपोर्ट में इन अनौपचारिक नौकरियों को रोजगार सृजन के रूप में गिना जा रहा है, जो सच्चाई से कोसों दूर है।