कर्नाटक उच्च न्यायालय से झटका मिलने के बाद भाजपा ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर इस्तीफे का दबाव बढ़ा दिया है। भाजपा लगातार उनके इस्तीफे की मांग कर रही है, हालांकि मुख्यमंत्री को अपने सहयोगियों से मजबूत समर्थन मिल रहा है।
उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि इस्तीफे का कोई सवाल ही नहीं है। उन्होंने इसे भाजपा द्वारा रची गई राजनीतिक साजिश बताया। उन्होंने जोर देकर कहा, “मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कुछ भी गलत नहीं किया है, और वह किसी घोटाले में शामिल नहीं हैं। यह भाजपा द्वारा विपक्षी नेताओं को बदनाम करने का प्रयास है।”
कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खड़गे ने राज्यपाल की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि राज्यपाल ने अपने कानूनी दायरे का उल्लंघन किया है। उन्होंने इसे भाजपा की प्लेबुक का हिस्सा बताया और कहा, “यह वही रणनीति है जो झारखंड और दिल्ली में इस्तेमाल की गई थी।” उन्होंने आगे कहा, “हम अभी भी भारतीय संविधान में विश्वास करते हैं और कानून की प्रक्रियाओं का सम्मान करते हैं।”
कांग्रेस सांसद डॉ. सैयद नसीर हुसैन ने कहा कि भाजपा कांग्रेस को भ्रष्टाचार के झूठे आरोपों में फंसाकर बदनाम करना चाहती है। उन्होंने कहा, “सिद्धारमैया इस घोटाले में शामिल नहीं हैं। जिस जमीन का मामला है, वह भाजपा शासन के दौरान दी गई थी, कांग्रेस के कार्यकाल में नहीं।”
डॉ. सैयद नसीर हुसैन ने राज्यपाल की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि भाजपा राज्यपाल के कार्यालयों का उपयोग अपनी सरकार स्थापित करने के लिए कर रही है। उन्होंने कहा कि सच्चाई केवल जांच के बाद ही सामने आएगी, और यह स्पष्ट हो जाएगा कि मुख्यमंत्री इस मामले में निर्दोष हैं।