ईवीएम के मुद्दे पर भाजपा गठबंधन के भीतर मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं। कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की ईवीएम पर टिप्पणी को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। कांग्रेस ने उमर पर गठबंधन सहयोगियों के प्रति दृष्टिकोण बदलने का आरोप लगाया।
कांग्रेस का उमर अब्दुल्ला पर पलटवार
कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने उमर अब्दुल्ला को निशाने पर लेते हुए कहा:
सपा, एनसीपी और शिवसेना (यूबीटी) ने ईवीएम के खिलाफ आवाज उठाई।
कांग्रेस कार्य समिति (CWC) ने ईसीआई (चुनाव आयोग) को संबोधित कर अपना रुख साफ किया।
टैगोर ने ट्वीट किया, “मुख्यमंत्री बनने के बाद सहयोगियों के साथ ऐसा रवैया क्यों?”
उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस की आपत्तियों को किया खारिज
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस की आपत्तियों को खारिज करते हुए कहा:
ईवीएम समस्या नहीं हो सकती, सिर्फ हारने पर।
“जब 100 से ज्यादा सांसद आपकी पार्टी के चुने जाते हैं, तब ईवीएम सही है और हारने पर गलत नहीं हो सकती।”
उन्होंने खुद का उदाहरण देते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव हारने पर भी उन्होंने ईवीएम को दोष नहीं दिया।
भाजपा ने उमर की टिप्पणियों का उठाया फायदा
भाजपा ने उमर अब्दुल्ला की टिप्पणी का उपयोग कांग्रेस पर निशाना साधने के लिए किया।
भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने कहा:
“कांग्रेस के लिए जीतने पर ईवीएम सही और हारने पर खराब नहीं हो सकती।”
राहुल गांधी को “लगातार हारने वाला” कहकर निशाना साधा।
ईवीएम विवाद: कांग्रेस और विपक्ष की मांग
कांग्रेस और विपक्षी दलों ने हरियाणा और महाराष्ट्र में हार के बाद ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए।
विपक्ष बैलेट पेपर की वापसी की वकालत कर रहा है।
उमर अब्दुल्ला की राय ने विपक्ष के भीतर ही मतभेद पैदा कर दिए हैं।
ईवीएम का मुद्दा न केवल कांग्रेस और भाजपा के बीच, बल्कि विपक्षी गठबंधन “इंडिया” के भीतर भी मतभेद का कारण बन रहा है। उमर अब्दुल्ला की टिप्पणियों ने इस विवाद को और गहरा कर दिया है, जिससे भाजपा को कांग्रेस और राहुल गांधी पर निशाना साधने का मौका मिल गया है।