महाराष्ट्र की राजनीति में विवाद उस समय भड़क उठा जब एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के नेता तानाजी सावंत ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के साथ अपनी पार्टी की निकटता को लेकर विवादित बयान दिया। सावंत ने कहा कि एनसीपी के साथ सहयोग से उन्हें एलर्जी हो गई है, जिसे उन्होंने ‘उल्टियां’ आने जैसी प्रतिक्रिया के रूप में बताया। उन्होंने अपने बयान में कहा, “मैं शिवसैनिक हूं और अपने जीवन में कभी भी कांग्रेस या राकांपा से सहमत नहीं हो सका। उनके साथ बैठने मात्र से ही मुझे असुविधा और मतली होने लगती है।”
तानाजी सावंत ने अजीत पवार के साथ कैबिनेट में बैठने की तुलना भी की, जिसमें उन्होंने कहा, “जैसे ही मैं कैबिनेट से बाहर आता हूं, मुझे उल्टियां होने लगती हैं। यह कुछ ऐसा है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है और 60 साल की उम्र में इसे सहन करना मुश्किल है।”
सावंत के इस बयान पर एनसीपी की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया आई है। एनसीपी नेताओं ने कहा कि तानाजी सावंत के बयान से महा विकास अघाड़ी गठबंधन के भीतर असहमति और विवाद बढ़ सकता है। यह पहली बार नहीं है जब तानाजी सावंत विवादों में घिरे हैं। पिछले साल भी उनका एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह एक पुलिस अधिकारी पर दबाव डालते हुए नजर आए थे।
तानाजी सावंत की इस टिप्पणी ने महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचा दी है, और इसे गठबंधन के भीतर बढ़ते तनाव का संकेत माना जा रहा है।