हाल ही में, नेताओं ने सीजेआई के घर गणेश पूजन पर तीखी आलोचना की थी। अब इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिक्रिया सामने आई है। ओडिशा में एक रैली के दौरान पीएम मोदी ने इस मुद्दे पर अपनी बात रखी और गणेश चतुर्थी की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “गणेश चतुर्थी हमारे देश के लिए सिर्फ़ आस्था का त्योहार नहीं है। इसने हमारे देश की आज़ादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई। जब अंग्रेज़ सत्ता की भूख में देश को बांट रहे थे और जाति के आधार पर विभाजन पैदा कर रहे थे, तब लोकमान्य तिलक ने गणेश चतुर्थी के सार्वजनिक उत्सव के ज़रिए भारत की आत्मा को जगाया।”
उन्होंने बताया कि गणेश चतुर्थी उस समय भी अंग्रेज़ों के लिए काँटा थी, जब उन्होंने ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति अपनाई थी। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि आज सत्ता के भूखे और समाज को बांटने में लगे लोगों को भी गणेश पूजा से परेशानी हो रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा में महिला सशक्तिकरण को महत्वपूर्ण बताते हुए प्रदेश सरकार की महिला केंद्रित योजना ‘सुभद्र’ की शुरुआत की। इसके तहत 21 से 60 साल आयुवर्ग की सभी पात्र लाभार्थियों को 2024-25 से 2028-29 के बीच पांच साल की अवधि में 50,000 रुपये की राशि प्रदान की जाएगी। यह राशि प्रति वर्ष 10,000 रुपये की दो समान किश्तों में लाभार्थियों के बैंक खातों में भेजी जाएगी।
प्रधानमंत्री ने राज्य में 3,800 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली रेलवे और राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का भी अनावरण किया। इसमें 2,871 करोड़ रुपये की लागत वाली राष्ट्रीय रेलवे परियोजनाओं और 1,000 करोड़ रुपये की लागत वाली राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का शिलान्यास शामिल है।
प्रधानमंत्री मोदी की ये घोषणाएँ और गणेश चतुर्थी पर उनकी प्रतिक्रिया ने न केवल राजनीतिक चर्चाओं को जन्म दिया है बल्कि सामाजिक और धार्मिक एकता के प्रतीक के रूप में गणेश पूजा की महत्वपूर्ण भूमिका को भी उजागर किया है।