बदली व्यवस्था
अब रामलला की 24 घंटे के आठों पहर में अष्टयाम सेवा होगी। इसके अलावा रामलला की छह बार आरती होगी। आरती में शामिल होने के लिए पास जारी होंगे। अब तक रामलला विराजमान की दो आरती होती थीं। रामलला के पुजारियों के प्रशिक्षक आचार्य मिथिलेशनंदिनी शरण ने कहा, अब रामलला की मंगला, शृंगार, भोग, उत्थापन, संध्या व शयन आरती होंगी। संभव है उत्थापन आरती पुजारी खुद कर लें और फिर दर्शन के लिए पर्दा खोलें। इसे लेकर ट्रस्ट ही घोषणा करेगा।
दर्शन का समय
दर्शन की शुरुआत सुबह सात बजे से होगी, और पहली पाली में पूर्वाह्न 11:30 बजे तक दर्शन की जा सकेगी। इसके बाद, दूसरी पाली में दोपहर दो बजे से शाम 6:30 बजे तक का समय निर्धारित किया गया है। यदि भक्तों की भीड़ बढ़ती है, तो दर्शन की अवधि को बढ़ा दी जाएगी। सोमवार को भी आम श्रद्धालु रामलला के दर्शन नहीं कर सकेंगे। प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद, सिर्फ विशिष्ट अतिथियों को ही दर्शन कराए जाएंगे।
दोपहर में हर घंटे लगेगा भोग
दोपहर में रामलला को पूड़ी-सब्जी, रबड़ी-खीर के भोग के अलावा हर घंटे दूध, फल व पेड़े का भी भोग लगेगा। रामलला सोमवार को सफेद, मंगलवार को लाल, बुधवार को हरा, बृहस्पतिवार को पीला, शुक्रवार को क्रीम, शनिवार को नीला व रविवार को गुलाबी रंग वस्त्र पहनेंगे। विशेष दिनों में वे पीले वस्त्र धारण करेंगे।