कांग्रेस ने अपने पूर्व सांसद संजय निरुपम को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित करने का निर्णय लिया है। इस निर्णय का प्रमुख कारण उनके पार्टी विरोधी बयानों और अनुशासनहीनता में पाया गया है। कांग्रेस के संगठन महासचिव ने जारी एक विज्ञप्ति में इस निर्णय की पुष्टि की है। यह निर्णय कांग्रेस के अध्यक्ष द्वारा अनुशासनहीनता और पार्टी के खिलाफ बयानों की शिकायतों के आधार पर लिया गया है।
पहले ही इस संबंध में, कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष ने सार्वजनिक रूप से निरुपम को पार्टी के स्टार प्रचारकों की सूची से हटा दिया था और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की घोषणा की गई थी। इसके बाद, निरुपम ने अपनी प्रतिक्रिया में यह बताया कि वह जल्द ही अपना रुख बताएंगे।
निरुपम ने इससे पहले भी कांग्रेस के नेतृत्व के खिलाफ अपने नारों को उठाया था। उन्होंने शिवसेना के नेतृत्व वाली दल से चुनावी समय में मिलाने की भी बात की थी। निरुपम का यह निष्कासन कांग्रेस के लिए एक बड़ा कदम है। वे पूर्व में शिवसेना में रह चुके हैं और बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए थे। उन्होंने 2009 में मुंबई उत्तर से चुनाव भी जीता था। लेकिन इसके बावजूद, उन्हें पार्टी के नेतृत्व के खिलाफ उठने के आरोप लगे हैं और इसकी वजह से उन्हें पार्टी से निष्कासित किया गया है।