दिल्ली में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए आम आदमी पार्टी (AAP) ने अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। अब सभी की नजरें भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवारों की सूची पर लगी हुई हैं। बीजेपी इस बार दिल्ली में अपना सत्ता पुनर्निर्माण करने के लिए पूरी तरह आश्वस्त है, क्योंकि आम आदमी पार्टी के खिलाफ जन नाराजगी स्पष्ट रूप से देखने को मिल रही है। हालांकि, पार्टी उम्मीदवारों के चयन में कोई गलती नहीं करना चाहती और पूरी सतर्कता के साथ कदम बढ़ा रही है।
बीजेपी का चुनावी उत्साह और सावधानी
बीजेपी में चुनावी उत्साह का माहौल है, लेकिन पार्टी इस बार कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती। विभिन्न स्तरों पर कई बैठकें हो चुकी हैं और उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया को पूरी गंभीरता से लिया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, पार्टी ने पहले ही हर विधानसभा सीट के लिए तीन संभावित उम्मीदवारों की सूची तैयार कर ली है। अब अंतिम निर्णय के लिए राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा 20 दिसंबर के बाद बैठकें की जाएंगी।
नई उम्मीदें और युवा चेहरों पर ध्यान
इस बार बीजेपी महिलाओं और युवाओं समेत नये चेहरों पर दांव लगाने की योजना बना सकती है। इन नए चेहरों में ऐसे उम्मीदवार शामिल होंगे, जिनका जमीनी स्तर पर प्रभाव है और जो पहले चुनाव में भाग नहीं ले चुके हैं। साथ ही, पार्टी ने उन छह सांसदों को विधानसभा चुनाव में उतारने की योजना बनाई है, जिन्हें लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया गया था।
वरिष्ठ नेताओं की भूमिका पर सवाल
पार्टी ने इस बार उन नेताओं को टिकट देने पर विचार न करने का संकेत दिया है जो दो या अधिक बार चुनाव हार चुके हैं। इसके अलावा, जिन नेताओं ने पिछले चुनावों में नजदीकी मुकाबले में हार का सामना किया, उनकी स्थिति की भी गहन जांच की जाएगी। पार्टी नेताओं का मानना है कि इस बार जीतने की संभावना सबसे महत्वपूर्ण कारक होगी, और यही आधार बनकर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
हालिया जॉइनिंग पर विचार
बीजेपी में हाल ही में शामिल हुए कुछ नेताओं को टिकट दिए जाने पर भी गंभीर विचार हो सकता है। इनमें दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली, कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे राज कुमार चौहान, और ‘आप’ सरकार के पूर्व मंत्री कैलाश गहलोत और राज कुमार आनंद शामिल हैं।
विधानसभा चुनाव की तारीखें और अंडरलाइन मुद्दे
आम आदमी पार्टी ने पहले ही दिल्ली के सभी 70 विधानसभा सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। कांग्रेस ने अब तक 21 उम्मीदवारों का ऐलान किया है। चुनाव की तारीखें जनवरी के मध्य तक घोषित होने की संभावना है और मतदान फरवरी में हो सकता है। AAP और कांग्रेस इस बार अलग-अलग चुनाव लड़ेंगे, जबकि लोकसभा चुनावों में दोनों ने गठबंधन किया था।
बीजेपी अब दिल्ली में 1998 से सत्ता से बाहर है, और सत्तारूढ़ ‘आप’ को हराने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।