वरिष्ठ कांग्रेस नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) की जीत की संभावना जताई। उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस और आप का गठबंधन होता, तो यह गठबंधन दोनों के लिए फायदेमंद होता। हालांकि, इस बयान पर विवाद बढ़ने के बाद उन्होंने सफाई दी।
सफाई में दिया बयान
चव्हाण ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “दिल्ली विधानसभा चुनाव पर मेरी टिप्पणी को संदर्भ से हटकर पेश किया गया है। अगर इंडिया अलायंस मिलकर लड़ता, तो जीत निश्चित थी। अब जब सभी प्रमुख दल मैदान में हैं, तो यह एक खुला चुनाव है। कांग्रेस ने शानदार गति हासिल की है, और मुझे विश्वास है कि हम विजयी होंगे।”
AAP और कांग्रेस के बीच बढ़ता तनाव
इस बयान पर आम आदमी पार्टी (AAP) की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने चव्हाण का समर्थन करते हुए कहा कि उनका बयान बिल्कुल सही है। दूसरी ओर, दिल्ली कांग्रेस नेताओं ने आप सरकार के पिछले 10 वर्षों के शासन को ‘कुशासन’ करार दिया। कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अजय माकन ने अरविंद केजरीवाल पर हमला करते हुए उन्हें ‘राष्ट्र-विरोधी’ करार दिया था।
विपक्षी दलों का समर्थन
टीएमसी, समाजवादी पार्टी और उद्धव ठाकरे के गुट ने दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी को समर्थन दिया है। इन दलों के समर्थन से AAP को फायदा हो सकता है, लेकिन कांग्रेस और AAP के बीच राजनीतिक खींचतान का असर इंडिया अलायंस पर पड़ सकता है।
पारंपरिक मतपत्रों पर जोर
पृथ्वीराज चव्हाण ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की जगह पारंपरिक मतपत्रों का उपयोग करने की वकालत की। उन्होंने ईवीएम पर संदेह जताते हुए पारदर्शिता बढ़ाने की मांग की।
गहलोत का बयान
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि इस बार आम आदमी पार्टी दिल्ली चुनाव नहीं जीत पाएगी। इससे कांग्रेस की रणनीति और बयानबाजी को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है।
दिल्ली चुनाव को लेकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच खींचतान जारी है। जहां गठबंधन की संभावनाएं खत्म हो चुकी हैं, वहीं चुनावी मुकाबला सभी दलों के लिए चुनौतीपूर्ण होगा।