दिल्ली में उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना के निर्देशानुसार, 22 से 28 अगस्त के बीच लगभग 1,700 गैर-पंजीकृत ई-रिक्शा जब्त कर कबाड़ गोदामों को भेज दिए गए हैं। इस कार्रवाई का उद्देश्य दिल्ली की सड़कों से अवैध और अव्यवस्थित ई-रिक्शाओं को हटाकर यातायात व्यवस्था को सुगम बनाना है।
उपराष्ट्रपति वी.के. सक्सेना ने दिल्ली सरकार को इन ई-रिक्शों के “अवैध संचालन” पर नियंत्रण लगाने का स्पष्ट निर्देश दिया था। 8 अगस्त को उनकी अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में भीड़भाड़ मुक्त बनाने के लिए परिवहन विभाग को गैर-पंजीकृत रिक्शों को जब्त करने का आदेश दिया गया था। इस दिशा में उठाए गए कदमों से दिल्ली की सड़कों पर ई-रिक्शों की अनियमितता को कम करने में मदद मिली है।
पिछले कुछ वर्षों में बैटरी चालित ई-रिक्शों की सड़कों पर भरमार देखी गई है। अधिकारियों ने बताया कि आउटर रिंग रोड और इनर रिंग रोड पर ई-रिक्शों को जब्त करने के लिए कुल 39 टीमों की तैनाती की गई थी। सक्सेना के निर्देशों के बाद, इन वाहनों को जब्त करने में तेजी आई है, जिससे अवैध ई-रिक्शाओं की संख्या में महत्वपूर्ण कमी आई है।
जब्त किए गए ई-रिक्शाओं को ‘रोड रोलर्स’ या उत्खनन मशीनों का उपयोग करके कुचल दिया जाता है और फिर इन्हें पंजीकृत कबाड़ गोदामों में स्थानांतरित किया जाता है। परिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार:
जनवरी से मार्च: 134 ई-रिक्शा जब्त किए गए
अप्रैल से जुलाई: 732 ई-रिक्शा जब्त किए गए
1 से 28 अगस्त: 1,777 ई-रिक्शा जब्त किए गए
इन आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि दिल्ली सरकार की अवैध ई-रिक्शाओं के खिलाफ चल रही कार्रवाई में तेजी आई है, जिससे शहर की यातायात व्यवस्था में सुधार हो रहा है।
इस कार्रवाई का प्रमुख उद्देश्य दिल्ली की सड़कों को अवैध और अव्यवस्थित ई-रिक्शाओं से मुक्त करना है। इससे न केवल यातायात में सुधार होगा बल्कि पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। दिल्ली सरकार की यह पहल शहर को स्मार्ट और स्वच्छ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।