न्यूज डेस्क : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पूसा इंस्टीट्यूट के सहयोग से बायो डि-कंपोजर घोल बनाने की प्रक्रिया की शुरूआत की। दिल्ली सरकार की तरह अन्य राज्य भी पराली गलाने में अपने किसानों की मदद करें तभी पराली से होने वाले प्रदूषण को जड़ से खत्म किया जा सकता है। इसका खर्च केवल 1000 रुपए प्रति एकड़ है।
एयर क्वालिटी कमीशन ने भी सभी राज्यों को आदेश दिए
केजरीवाल ने कहा कि एयर क्वालिटी कमीशन ने भी सभी राज्यों को बायो डि-कंपोजर का इस्तेमाल करने का आदेश दिए हैं, ताकि पराली जलाने की समस्या से निजात मिल सके। बायो डि-कंपोजर छिड़कने से 15 से 20 दिन में पराली का डंठल गल जाता है।
केजरीवाल ने कहा कि यह घोल बड़ा सस्ता है। घोल के कॉम्पोनेंट्स, घोल बनाने और इसके छिड़काव का सारा खर्चा मिलाकर हजार रुपए प्रति एकड़ से भी कम पड़ता है। दिल्ली में यह सारा खर्चा दिल्ली सरकार उठा रही है। अब हमारी सभी सरकारों से अपील है कि अब हमें पराली का समाधान मिल गया है।