दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत को 25 सितंबर तक बढ़ा दिया। यह कदम कथित उत्पाद शुल्क नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उठाया गया, जो केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दायर किया गया है। केजरीवाल राउज एवेन्यू अदालत के समन पर पेश हुए, जबकि तिहाड़ जेल से अन्य आरोपियों की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की गई। विनोद चौहान अदालत में शारीरिक रूप से उपस्थित रहे।
इससे पहले 5 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई भ्रष्टाचार मामले में जमानत की मांग करने वाली केजरीवाल की याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रखा था। इस मामले की सुनवाई जस्टिस सूर्यकांत और उज्ज्वल भुइयां की बेंच ने की थी, जहां वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने केजरीवाल का प्रतिनिधित्व किया। सीबीआई का आरोप है कि आम आदमी पार्टी (आप) को उत्पाद शुल्क नीति से उत्पन्न अवैध धन का लाभ हुआ और केजरीवाल नीति निर्माण में आपराधिक साजिश में शामिल रहे हैं।
सीबीआई के पूरक आरोप पत्र में कहा गया है कि केजरीवाल ने उत्पाद शुल्क नीति का निजीकरण करने की योजना पहले से ही तैयार की थी और मार्च 2021 में आप के लिए मौद्रिक समर्थन मांगा। यह नीति मंत्रियों के समूह (जीओएम) के तहत बनाई गई थी, जिसका नेतृत्व मनीष सिसौदिया ने किया था। सीबीआई का यह भी दावा है कि गोवा विधानसभा चुनाव 2022 के चुनावी खर्च पर आप का बयान भ्रामक है, क्योंकि इसमें नकद भुगतान का उल्लेख नहीं किया गया, जबकि अधिकांश लेनदेन बैंकिंग प्रणाली के बाहर किए गए थे।