नई दिल्ली(नेशनल थॉटस)- दिल्ली के अध्यादेश की जगह लेने वाले बिल को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। जानकारों के मुताबिक इस बिल को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह सोमवार को पेश करेंगे। लेकिन आम आदमी पार्टी पहले से ही इस बिल का सदन में विरोध करने का फैसला कर चुकी है। इस बिल के विरोध को लेकर विपक्षी दलों का भी समर्थन मिला है।
बिल के विरोध में विपक्षी दलों का भी मिला समर्थन
इस को लेकर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला आने के बाद केंद्र सरकार ने यह अध्यादेश जारी किया था। इस अध्यादेश में दानिक्स कैडर के ग्रुप-ए अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाई और तबादलों के लिए राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण स्थापित करने का प्रावधान है।
राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण में ये-ये लोग होंगे शामिल
केंद्र सरकार की ओर जारी अध्यादेश राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अधिकारियों के स्थानांतरण, पोस्टिंग और सतर्कता से जुड़े अधिकारों को लेकर राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण का गठन करने की व्यवस्था की गयी है। इसमें कहा गया है कि प्राधिकरण में दिल्ली के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और प्रधान गृह सचिव होंगे।
क्या बिल की खास बातें
दिल्ली में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्ति और स्थानांतरण के अधिकार को लेकर आए दिन दिल्ली सरकार व उपराज्यपाल के बीच टकराव की स्थिति रहती है। दिल्ली के उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार के बीच कानूनी विवाद पर उच्चतम न्यायालय के निर्णय के बाद केंद्र सरकार ने 19 मई को राष्ट्रीय राजधानी से संबंधित संविधान के विशेष प्रावधान अनुच्छेद- 239एए के तहत अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए एक अध्यादेश जारी किया था।