You Must Grow
India Must Grow

NATIONAL THOUGHTS

A Web Portal Of Positive Journalism 

“दिल्ली राजनीति: इस्तीफा ऐलान से घिरे केजरीवाल, कांग्रेस-बीजेपी ने घेरा, AAP ने किया बचाव”

Share This Post

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि वह दो दिन बाद अपने पद से इस्तीफा देंगे। आम आदमी पार्टी (AAP) मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने बताया कि जल्द ही विधायकों की बैठक बुलाई जाएगी, जिसमें नए मुख्यमंत्री का ऐलान किया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली में इसी साल चुनाव करवाने की भी मांग की। इस घोषणा के बाद दिल्ली की राजनीति गरमा गई है। जहां ‘आप’ के नेता इस फैसले का समर्थन कर रहे हैं, वहीं कांग्रेस और भाजपा ने केजरीवाल पर तीखा हमला बोला है।

आप सांसद राघव चड्ढा ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के फैसले का समर्थन करते हुए कहा, “मुख्यमंत्री जी अग्निपरीक्षा के लिए तैयार हैं। अब यह दिल्ली की जनता के हाथ में है कि वह उन्हें ईमानदार मानती है या नहीं।” चड्ढा ने कहा कि 2020 के चुनाव में केजरीवाल ने जनता से काम के आधार पर वोट मांगे थे, और अब जनता फिर से उन्हें ईमानदार घोषित करेगी। उन्होंने आगे कहा कि 2025 के दिल्ली चुनाव में जनता उनके इस निर्णय का समर्थन करेगी।

कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने केजरीवाल के इस्तीफे के ऐलान पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे “नौटंकी” करार दिया। उन्होंने कहा, “दोबारा मुख्यमंत्री बनने का सवाल ही नहीं उठता। हमें पहले से पता था कि उन्हें इस्तीफा देना चाहिए, लेकिन ये महज एक दिखावा है। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें सीएमओ में जाने और किसी कागज पर हस्ताक्षर करने से रोक दिया है, जिससे यह स्पष्ट है कि वह एक अपराधी की तरह व्यवहार कर रहे हैं।”

बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने भी केजरीवाल के इस्तीफे की घोषणा पर तीखा हमला बोला। सिरसा ने कहा, “केजरीवाल का इस्तीफा कोई बलिदान नहीं है, बल्कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कारण उनकी मजबूरी है। उन्हें शराब घोटाले में शामिल होने के कारण इस्तीफा देना पड़ रहा है।” उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल अपने विधायकों को अपनी पत्नी को मुख्यमंत्री बनाने के लिए मनाने में जुटे हैं और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के कारण इस्तीफा देने के लिए मजबूर हैं।

केजरीवाल के इस ऐलान ने दिल्ली की राजनीति में उथल-पुथल मचा दी है। जहां एक ओर ‘आप’ के नेता इसे जनता के फैसले पर आधारित निर्णय बता रहे हैं, वहीं कांग्रेस और भाजपा इसे राजनीतिक नौटंकी और मजबूरी करार दे रहे हैं। अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में दिल्ली की राजनीति किस ओर जाती है और क्या वाकई केजरीवाल इस्तीफा देंगे या यह सिर्फ एक रणनीतिक कदम है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *