नई दिल्ली (नेशनल थॉटस) : संसद में याचिका मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार और अन्य को संसद में याचिका दायर करने और सुझाए गए मुद्दों पर संसद में विमर्श की व्यवस्था बनाने के निर्देश दे। जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस बीवी नागरत्न की पीठ के सामने यह याचिका सुनवाई के लिए आई। इस पर केंद्र सरकार के वकील ने इस मामले में हलफनामा दायर करने के लिए कोर्ट से समय मांगा।
चार हफ्ते बाद सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
पीठ ने कहा कि केंद्र सरकार ने हलफनामा दायर करने के लिए समय मांगा है। इस मामले को चार हफ्ते बाद लिस्ट किया जाए और इस दौरान केंद्र सरकार हलफनामा दायर करे। करन गर्ग की याचिका पर बीती 27 जनवरी को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने केंद्र सरकार का पक्ष जानना चाहा था और केंद्र सरकार के वकील को कोर्ट में पेश होने को कहा था। याचिका में कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 14, 19(1)(ए) और 21 के तहत यह भारतीय नागरिकों का मौलिक अधिकार है कि वह संसद में सीधे याचिका दायर कर सकें और सुझाए गए मुद्दे पर चर्चा की मांग कर सकें।
याचिका में मांग-लोकतांत्रिक प्रक्रिया में आम नागरिकों को सशक्त करने की जरूरत
याचिका में मांग की गई है कि केंद्र सरकार और अन्य के लिए जरूरी है कि वह ऐसे कदम उठाए, जिससे नागरिकों की आवाज संसद में बिना किसी बाधा और परेशानी के पहुंच सके। याचिकाकर्ता का कहना है कि एक आम नागरिक लोकतांत्रिक प्रक्रिया में मतदान करने और जनप्रतिनिधियों के चुनाव के बाद काफी असक्त महसूस करता है और उसके अलावा नागरिकों को लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेने की कोई तरीका नहीं होता।