नई दिल्ली (नेशनल थॉट्स )- भारत में दिव्यांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण विभाग (डीईपीडब्ल्यूडी) ने एक परिवर्तनकारी यात्रा शुरू की है। अधिक समावेशी समाज की अपनी निरंतर कोशिश में, डीईपीडब्ल्यूडी ने महत्वपूर्ण साझेदारी बनाई है और स्थायी परिवर्तन लाने के लिए अभिनव पहलें लागू की हैं।
1. वास्तुकला परिषद के साथ समझौता ज्ञापन:विभाग ने वास्तुकला परिषद(सीओए) के साथ मिलकर बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर कार्यक्रमों में सार्वभौमिक पहुंच वाले पाठ्यक्रमों को अनिवार्य किया है। इस साझेदारी में वास्तु शिल्पियों और सिविल इंजीनियरों के लिए प्रमाणित पाठ्यक्रम का विकास करना है जिसमें निर्मित वातावरण में अभिगम्यता ऑडिट करने और मानकों का अनुपालन सुनिश्चित करना शामिल होगा।2. यूडीआईडी के अज्ञात डेटा को जारी करना: अनुसंधान के लिए यूडीआईडी पोर्टल के माध्यम से डीईपीडब्ल्यूडी द्वारा अज्ञात डेटा को जारी करनें से दिव्यांगता के क्षेत्र में डेटा-संचालित निर्णय लेने की सुविधा प्रदान करता है और विभिन्न स्तरों परसमझ बढ़ाने के साथ-साथ लक्षित हस्तक्षेपों को बढ़ाने के लिए विज़न प्रदान करता है।
3. पीएम दक्ष पोर्टल: विभाग ने प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर चाहने वाले दिव्यांगों के लिए एक व्यापक डिजिटल प्लेटफॉर्म के रूप में पीएम दक्ष पोर्टल पेश किया है, जो निर्बाध पंजीकरण, कौशल प्रशिक्षण विकल्प, नौकरी लिस्टिंग और सुव्यवस्थित प्रशासनिक प्रक्रियाओं की पेशकश करता है।
4. पहुंच का मार्ग:न्यायालय में दिव्यांगता अधिकार: भारत के सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों के उल्लेखनीय निर्णयों को एक पुस्तिका में संकलित किया जाता है जो दिव्यांग व्यक्तियों और दिव्यांगता के क्षेत्र में हितधारकों के लिए एक संदर्भ गाइड का काम करती है।
5. सीपीपीडी द्वारा ऑनलाइन केस मॉनिटरिंग पोर्टल: दिव्यांग व्यक्तियों के लिए मुख्य आयुक्त ने दिव्यांग व्यक्तियों द्वारा दर्ज कराई गई शिकायतों से निपटने के लिए आधुनिक आवेदन पत्र अपनाया है, जिससे पूरी प्रक्रिया पेपरलैस और दक्ष हो गई है, साथ ही निर्बाध ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने की सुविधा है, स्वाचालित रिमाइंडर लगे हैं और सरलीकृत सुनवाई अनुसूची शामिल है।