अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले, जनता दल (यू) के नेता अशोक चौधरी को पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त किया गया है। इस महत्वपूर्ण घोषणा की जानकारी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दी। चौधरी वर्तमान में बिहार सरकार में ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री हैं और उन्हें मुख्यमंत्री कुमार का करीबी माना जाता है।
यह घटनाक्रम तब हुआ जब चौधरी ने नीतीश कुमार से मुलाकात की, इसके दो दिन बाद जब उन्होंने सोशल मीडिया पर विवादास्पद पोस्ट किया था। इस पोस्ट को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं कि वह मुख्यमंत्री पर कटाक्ष कर रहे थे। चौधरी ने अपनी पोस्ट में कहा था, “बढ़ती उम्र में इन्हें छोड़ दीजिए। अगर कोई समझ नहीं रहा है तो उन्हें समझाने का प्रयास छोड़ दीजिए।”
चौधरी ने अपनी पोस्ट में आगे कहा कि यदि बच्चे बड़े हो रहे हैं और अपने निर्णय स्वयं ले रहे हैं, तो उनके पीछे लगना छोड़ देना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि गिने-चुने लोगों के साथ विचारों की समानता न होने पर भी, उन्हें छोड़ देना चाहिए। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि उम्र बढ़ने पर जीवन का आनंद लेना चाहिए और निराशाओं से दूर रहना चाहिए।
चौधरी ने बाद में नीतीश कुमार से उनके आवास पर मुलाकात की और इस अवसर पर उनके साथ की एक तस्वीर साझा की। उन्होंने इस तस्वीर के कैप्शन में लिखा, “कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना। इसलिए कृपया सुनी-सुनाई बातों पर ध्यान देना बंद करें।”
इस तरह, अशोक चौधरी की नई भूमिका और उनके द्वारा दिए गए बयान ने जेडीयू के भीतर नई चर्चा को जन्म दिया है, खासकर जब कि विधानसभा चुनाव नजदीक हैं।