नई दिल्ली,(नेशनल थॉट्स ) : देवउठनी एकादशी, जिसे सबसे महत्वपूर्ण एकादशियों में से एक माना जाता है, हिन्दू धर्म में एक शुभ और आध्यात्मिक दिन है। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन को भगवान विष्णु की पूजा और स्नान के लिए अर्पित करना चाहिए।
देवउठनी एकादशी का महत्वपूर्ण दिन होने के कारण लोग इसे ‘प्रबोधिनी एकादशी’ भी कहते हैं, जिसका अर्थ होता है ‘जागरूकता की एकादशी’। इस विशेष दिन को विशेष रूप से कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि में मनाया जाता है। इस वर्ष, देवउठनी एकादशी 23 नवंबर 2023 को पड़ रही है, जब भक्त विष्णु जी की पूजा, व्रत, और सद्गुणों की प्राप्ति के लिए इस दिन को विशेष आराधना करेंगे।
देवउठनी एकादशी 2023 तिथि और समय
- एकादशी तिथि आरंभ – 22 नवंबर 2023 – रात्रि 11: 03
- एकादशी तिथि समाप्त – 23 नवंबर 2023, रात्रि 09:01
- पूजा का समय- सुबह 06:50 से सुबह 08:09 तक
- पारण का समय – 24 नवंबर 2023- सुबह 06:51 से सुबह 08:57 तक
देवउठनी एकादशी पूजा विधि
इस दिन लोग सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करते हैं। इसके बाद भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित करते हैं और पंचामृत, फल, तुलसी पत्र और भोग प्रसाद चढ़ाते हैं। अंत में भगवान विष्ण के मंत्रों का जाप करें और उनकी आरती श्रद्धा के साथ करें। साथ ही इस दिन भगवान विष्णु को गन्ना, सिंघाड़ा और सेवइयां अर्पित करने का भी विधान है।
भगवान विष्णु के मंत्र
- ॐ आं संकर्षणाय नम:
- ॐ अं प्रद्युम्नाय नम:
- ॐ अ: अनिरुद्धाय नम:
- ॐ नारायणाय नम:
- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय