नई दिल्ली,(नेशनल थॉट्स ) – भारतीय युवा अब पढ़ाई के साथ खेल में भी जलवा दिखा रहे हैं, चाहे वो नेशनल खेलों में हो या फिर ओलंपिक और पैरालंपिक जैसे प्रतिष्ठित खेलों में। केंद्र सरकार भी इस दिशा में कदम बढ़ा रही है और इसका सबसे अच्छा उदाहरण है “Atal Bihari Training Center,” जो दिव्यांगजनों के लिए भारत का पहला स्टेडियम प्रशिक्षण केंद्र है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस केंद्र का उद्घाटन दो अक्टूबर, महात्मा गांधी जयंती के मौके पर किया।
खेल में समान अवसर प्रदान करने का संकल्प
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री, डॉ. वीरेंद्र कुमार, ने इस स्टेडियम के महत्व को बढ़ावा देने के रूप में कहा है कि यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो खेल समावेशिता और पहुंच को बढ़ावा देने में मदद करेगा। यहाँ, दिव्यांगजनों के लिए खेल में समान अवसर प्रदान करने, उनकी प्रतिभा को बढ़ावा देने, और विभिन्न खेल विषयों में उनकी भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
Atal Bihari Training Center: दिव्यांग एथलीटों के लिए विशेष
अटल बिहारी प्रशिक्षण केंद्र एक अत्याधुनिक सुविधा है, जो दिव्यांग एथलीटों के प्रशिक्षण और समर्पित है। इसमें विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा और कोचिंग स्टाफ है, जो दिव्यांग एथलीटों को सर्वोत्तम प्रशिक्षण और पोषण के लिए समर्पित है।
34 एकड़ क्षेत्र में खेल परिसर
यह भारत का पहला अत्याधुनिक दिव्यांग खेल परिसर है, जिसका निर्माण केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की नेतृत्व में किया गया है। मंत्रिमंडल ने इस केंद्र की स्थापना के लिए 34 एकड़ क्षेत्र में 151.16 करोड़ के बजट को मंजूरी दी थी। इस प्रशिक्षण केंद्र का उद्घाटन खेल में दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल के रूप में हुआ है, जो उन्हें उनकी प्रतिभा का पूरा उत्थान करने और उन्हें विभिन्न खेल विषयों में भागीदारी करने के लिए आवश्यक साधनाओं की प्राप्ति करने में मदद करेगा।
खेलों का समर्पण समर्पितकरण
अटल बिहारी वाजपेयी प्रशिक्षण केंद्र एक समावेशी और सुलभ खेल ईको सिस्टम को बढ़ावा देने के लिए काम करेगा, जो बाधाओं को पार करने और व्यक्तियों को उनकी शारीरिक क्षमताओं की परवाह किए बिना प्रेरित करने की शक्ति है। अटल बिहारी प्रशिक्षण केंद्र दिव्यांग खेलों के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन है, जो दिव्यांग एथलीटों को सर्वोत्तम प्रशिक्षण और पोषण के लिए समर्पित है।