केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में लोगों को सरकार पर अत्यधिक निर्भर न रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि सरकार को ‘विषकन्या’ के रूप में देखा जा सकता है, जो जिसके साथ जाती है, उसे डूबो देती है। गडकरी ने यह बात विदर्भ आर्थिक विकास परिषद द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कही।
गडकरी ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि एक बार उनके बेटे ने उनसे 450 करोड़ रुपये की सब्सिडी के बारे में पूछा था। तब उन्होंने अपने बेटे से मजाक में कहा, “भगवान से प्रार्थना करो क्योंकि यह सरकार है, कब मिलेगी, इसका कोई भरोसा नहीं।” उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की प्रक्रियाएं अक्सर धीमी होती हैं और लोगों को सब्सिडी के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है।
जून 2023 में नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में गडकरी ने कहा था कि सरकार का हस्तक्षेप किसी भी परियोजना के लिए हानिकारक हो सकता है। उन्होंने इसे ‘विषकन्या’ का नाम दिया, जो किसी भी प्रोजेक्ट को बर्बाद कर सकती है। उनका कहना था कि सरकार की छाया भी किसी परियोजना को प्रभावित कर सकती है, इसलिए हर चीज के लिए सरकार पर निर्भर नहीं रहना चाहिए।
गडकरी ने स्पष्ट किया कि हमें आत्मनिर्भर बनने की जरूरत है और सरकार की सहायता या सब्सिडी पर पूरी तरह से निर्भर नहीं रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि विकास और सफलता के लिए खुद की योजना और प्रयास आवश्यक हैं, क्योंकि सरकार के भरोसे रहने से अनिश्चितता बनी रहती है।