13 अप्रैल, 2024 को राजस्थान के पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय सेना ने स्वदेशी रूप से विकसित मैन-पोर्टेबल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (MPATGM) का सफल परीक्षण किया।
परीक्षण के मुख्य बिंदु:
- मिसाइल ने सभी परीक्षण मानदंडों को सफलतापूर्वक पूरा किया।
- इसने लक्ष्य को सटीक रूप से भेदते हुए, निर्धारित दूरी और ऊंचाई तक उड़ान भरी।
- यह विभिन्न प्रकार के वारहेड ले जाने में सक्षम है, जो इसे विभिन्न प्रकार के लक्ष्यों को नष्ट करने के लिए उपयुक्त बनाता है।
MPATGM का सफल परीक्षण भारत की रक्षा प्रौद्योगिकी में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह भारतीय सेना को आधुनिक हथियार प्रणाली प्रदान करेगा और देश की सुरक्षा को मजबूत करेगा।
इस सफलता के महत्व:
- आत्मनिर्भरता: MPATGM का स्वदेशी विकास भारत को रक्षा उपकरणों के लिए विदेशी निर्भरता को कम करने में मदद करेगा।
- अत्याधुनिक तकनीक: यह मिसाइल अत्याधुनिक तकनीक से लैस है जो इसे दुनिया की सबसे बेहतरीन एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलों में से एक बनाती है।
- सैनिकों की सुरक्षा: MPATGM सैनिकों को दुश्मनों से सुरक्षित दूरी से ही टैंकों और बख्तरबंद वाहनों को नष्ट करने की क्षमता प्रदान करेगा।
- राष्ट्रीय सुरक्षा: यह मिसाइल भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करेगा और देश को बाहरी खतरों से बेहतर ढंग से बचाने में मदद करेगा।
रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने इस सफल परीक्षण के लिए डीआरडीओ और भारतीय सेना की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह भारत की रक्षा प्रौद्योगिकी में एक महत्वपूर्ण कदम है और यह देश को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगा। यह परीक्षण निश्चित रूप से भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करेगा और देश को सुरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।