नई दिल्ली(नेशनल थॉट्स)– दिल्ली सेवा बिल के मामले पर अपने विचार व्यक्त करते हुए दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा है कि दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी है, यहाँ की प्रशासनिक स्थिति जटिल है जो संवैधानिक रूप से निर्धारित है।
यहां समय समय पर अलग अलग पार्टियों की स्थानीय सरकार रहने के बावजूद 1947 से लेकर 2013 तक दिल्ली का शासन मर्यादित रूप से चलता था पर 2013 में पहली अरविंद केजरीवाल सरकार बनते ही अराजकता दिल्ली की शासन व्यवस्था पर हावी हो गई।
केजरीवाल सरकार के भ्रष्टाचार के कारण 2015 से 2023 के बीच दिल्ली में हुए घोटाले
1. परिवहन घोटाले, 2. राशन घोटाले, 3. शराब घोटाले, 4. मुख्यमंत्री आवास निर्माण घोटाले, 5. राजनीतिक विरोधियों की जासूसी घोटाले, 6. दिल्ली वक्फ बोर्ड घोटाले, 7. कांट्रैक्ट नौकरी – फैलोशिप घोटाले, 8. सार्वजानिक वाहन पैनिक बटन घोटाले,9. मुख्य सचिव से मारपीट मामले, 10. विधानसभा को आराजक मन माने तरीके से बुला कर देश विदेश के मामलों पर प्रस्ताव पारित करने की आराजकता, 11. विधानसभा समितियों के माध्यम से अधिकारियों को प्रताड़ित कर मनमानी स्वीकृति देने को मजबूर करना।
अधिकारियों के लिये प्रशासन चलाना असंभव हो गया
आज दिल्ली की प्रशासनिक व्यवस्था ठप्प होने लगी जिसकी चर्चा देश ही नही विदेशों के अखबारों तक पहुंचने लगी।
इन्ही परिस्थितियों में दिल्ली की राष्ट्रीय राजधानी गरिमा एवं संवैधानिक व्यवस्था को बनाए रखने के लिये, केन्द्र सरकार को संवैधानिक व्यवस्थाओं को स्पष्ट करने के लिए 19 मई 2023 को दिल्ली सेवा संशोधन अध्यादेश लाना पड़ा।
इन्ही परिस्थितियों में दिल्ली की राष्ट्रीय राजधानी गरिमा एवं संवैधानिक व्यवस्था को बनाए रखने के लिये, केन्द्र सरकार को संवैधानिक व्यवस्थाओं को स्पष्ट करने के लिए 19 मई 2023 को दिल्ली सेवा संशोधन अध्यादेश लाना पड़ा।