नई दिल्ली,(नेशनल थॉट्स ) – 24 अक्टूबर को दशहरा का पर्व मनाया जा रहा है। दशहरा अधर्म, असत्य, और अहंकार पर विजय का पर्व है। इस पर्व को विजयदशमी भी कहा जाता है। आप इस अवसर पर प्रभु श्रीराम के मंदिरों की दर्शन करने के लिए जा सकते हैं। 24 अक्टूबर को दशहरा है, और उसके एक दिन पहले महानवमी है। 21 और 22 अक्टूबर को वीकेंड छुट्टी होती है। इस दौरान आपको चार दिनों की छुट्टी मिल सकती है, जिसका उपयोग विजयदशमी के मौके पर भगवान श्रीराम के प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिरों के दर्शन के लिए किया जा सकता है।
श्रीराम जन्मभूमि, Ayodhya, Uttar Pradesh
उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले में श्रीराम का जन्म हुआ था। यहां राजा दशरथ का महल, कनक भवन जहां माता सीता श्रीराम चंद्र से विवाह के बाद रहने आईं थीं, और श्रीराम जन्मभूमि मंदिर स्थित है। यहां सरयू नदी में स्नान के बाद श्रीराम जन्मभूमि के दर्शन के लिए जा सकते हैं। रामचंद्र जी यहां बाल्यावस्था में विराजमान हैं।
राम राजा मंदिर, Madhya Pradesh
देश में एकमात्र स्थान है, जहां राम राजा के रूप में भगवान राम विराजमान हैं। मध्य प्रदेश के ओरछा में राजा राज मंदिर स्थित है। यहां प्रभु श्रीराम की पूजा राजा के रूप में की जाती है। इस मंदिर में हर दिन गार्ड ऑफ ऑनर द्वारा भगवान श्रीराम को शस्त्र सलामी दी जाती है।
कालाराम मंदिर, Nashik, Maharashtra
महाराष्ट्र के नासिक में भगवान राम का मंदिर है। नासिक के पंचवटी में कालाराम मंदिर स्थित है, जहां श्री राम की 2 फीट लंबी काले रंग की प्रतिमा स्थापित है। मान्यता है कि वनवास के दौरान भगवान श्रीराम, माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ पंचवटी में रुके थे। इस मंदिर का निर्माण सरदार रंगारू ओढेकर ने कराया था। उन्होंने एक रात स्वप्न में देखा कि गोदावरी नदी में श्री राम की एक काली मूर्ति है। अगले दिन उन्होंने राम जी की प्रतिमा निकाल कर मंदिर में स्थापित कराई।
सीता रामचंद्रस्वामी मंदिर, Telangana
तेलंगाना के भद्रादी कोठागुडे के भद्राचलम में भी भगवान विष्णु के अवतार मर्यादा पुरुषोत्तम राम का एक मंदिर स्थित है। सीता रामचंद्रस्वामी मंदिर उस स्थान पर बना है, जहां भगवान राम ने माता जानकी को लंका से वापस लाने के लिए गोदावरी नदी को पार किया था। यहां भगवान राम के धनुष और बाण के साथ त्रिभंगा भी स्थापित है।
श्रीराम के जीवन से जुड़े कई प्राचीन स्थल हैं, उनमें से एक पंजाब का अमृतसर है। इस स्थान पर श्रीराम तीर्थ मंदिर स्थित है। इस स्थान पर माता सीता ने अयोध्या त्यागने के बाद लव कुश को जन्म दिया था। श्रीराम पुत्र लवकुश की जन्मस्थली के दर्शन भी इस मौके पर किए जा सकते हैं।
कर्नाटक के चिकमंगलूर जिले के कोंडांडा में श्रीराम का अनोखा मंदिर स्थित है। कहा जाता है कि परशुराम ने भगवान राम से अपनी शादी के दृश्य दिखाने का अनुरोध किया। इसी के चलते कोडंडा में रामास्वामी की मूर्तियां हिंदू विवाह समारोहों की परंपराओं के अनुसार ही स्थित हैं। ये एक ऐसा इकलौता मंदिर है जहां माता सीता भगवान राम और लक्ष्मण के दाहिनी ओर खड़ी हैं।
दक्षिण भारत में कई स्थान पर श्री राम वनवास के दौरान गए। तमिलनाडु में श्री राम का रामास्वामी मंदिर है, जिसे दक्षिण भारत का अयोध्या कहा जाता है। यह इकलौता मंदिर है, जहां भरत और शत्रुघ्न के साथ राम, सीता और लक्ष्मण की प्रतिमाएं हैं।