गुजरात में ईडी का बड़ा एक्शन: सरकारी धन हेराफेरी के मामलों में छापेमारी
गुजरात में डाकघरों में सरकारी धन की हेराफेरी से जुड़े कई मामलों में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 29 नवंबर 2024 को अहमदाबाद जोनल कार्यालय से 19 स्थानों पर तलाशी ली। यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत की गई, और इसका आधार एसीबी तथा सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एफआईआर थीं।
धोखाधड़ी से 18.60 करोड़ रुपये की हेराफेरी
प्रवर्तन निदेशालय ने बताया कि एक मामले में आरोपी उप-डाकपालों ने निजी व्यक्ति के साथ मिलकर पहले से बंद आवर्ती जमा (आरडी) खातों को धोखाधड़ी से फिर से खोला और उन्हें बंद कर दिया। इस प्रकार, 606 आरडी खातों से 18.60 करोड़ रुपये की सरकारी धनराशि का गबन कर लिया गया।
एक और मामले में 9.97 करोड़ रुपये की हेराफेरी
दूसरे मामले में, एक आरोपी सब पोस्ट मास्टर ने 2019 से 2022 के बीच अपने सहयोगियों के साथ मिलकर 9.97 करोड़ रुपये की सरकारी राशि का गबन किया। आरोपी ने एसएपी सॉफ़्टवेयर के माध्यम से फर्जी भुगतानों को मैन्युअल रूप से अपलोड किया।
धोखाधड़ी से जमा राशि का पुनर्निवेश
रावलवाड़ी डाकघर के मामले में, आरोपी ने आवर्ती जमा खातों को बंद कर उन्हें धोखाधड़ी से नए खातों में बदल दिया। जालसाज ने पुराने खातों को बंद करने के दस्तावेज तैयार किए और जमाकर्ताओं से जमा राशि स्वीकार की, लेकिन वास्तव में, उनके नाम से कोई खाता नहीं खोला गया।
अपराधियों ने सरकारी धन का दुरुपयोग किया
सूरजकुजी उप-डाकघर के एक आरोपी ने जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करते हुए सरकारी धन का दुरुपयोग किया और डाकघरों को 2.94 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया। इसी तरह, चोटिला और सुरेन्द्रनगर के डाक सहायक तथा उप-डाकपालों ने भी सरकारी धन का गबन कर 1.57 करोड़ रुपये का गलत नुकसान किया।
कुल जब्ती और जांच की स्थिति
ईडी की छापेमारी के दौरान करीब 1 करोड़ रुपये की राशि जब्त की गई और 1.5 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न अचल संपत्तियों का विवरण भी बरामद किया गया। आगे की जांच जारी है।