काठमांडू। मातृभाषा पत्रकारिता और पत्रकारों के संरक्षण की मांग करते हुए काठमांडू में आयोजित प्रथम अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा पत्रकार सम्मेलन ने आठ सूत्रीय काठमांडू (थिमी) घोषणापत्र घोषित किया है। दक्षिण एशिया क्षेत्र के पत्रकारों ने नेपाल के प्रथम मातृभाषा पत्रकार धर्मादित्य धर्माचार्य की जयंती को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा पत्रकारिता दिवस के रूप में घोषित करने की मांग की है।
उन्होंने सरकारों और सभी हितधारकों से वैश्विक स्तर पर मातृभाषा पत्रकारों और पत्रकारिता के विकास, संरक्षण और संवर्धन के लिए पहल करने का आह्वान किया। सार्क पत्रकार मंच के सहयोग से नेशनल फोरम फॉर नेवार जर्नलिस्ट द्वारा जून 1 और 2, 2024 में आयोजित प्रथम अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा पत्रकार सम्मेलन ने संबंधित देशों की सभी सरकारों और हितधारकों से इसकी मांग की।
एनएफएनजे के अध्यक्ष नृपेंद्र लाल श्रेष्ठ, नेपाल से सार्क पत्रकार मंच के अध्यक्ष राजू लामा, बांग्लादेश से एसजेएफ के महासचिव मोहम्मद अब्दुर रहमान, एसजेएफ इंडिया चैप्टर के अध्यक्ष अनिरुद्ध सुधांशु, भूटान के पत्रकार नेता और सार्क पत्रकार मंच के सदस्य केनले डेमा ने घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए और सभी संबंधित सरकारों और हितधारकों से घोषणापत्र को गंभीरता से लेने और लागू करने की मांग की।
प्रथम अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा पत्रकार सम्मेलन का उद्घाटन नेपाल की पूर्व राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने किया और समापन सत्र उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री नारायणकाजी श्रेष्ठ ने किया। सम्मेलन विदेश से 50 से अधिक और नेपाल से 100 पत्रकारों की उपस्थिति में संपन्न हुआ।
सम्मेलन की आयोजन समिति के अध्यक्ष सुरेंद्र भक्त श्रेष्ठ ने बताया कि घोषणापत्र को इसके कार्यान्वयन के लिए सरकारों और हितधारकों को सौंपा जाएगा। एनएफएनजे के उपाध्यक्ष सुनील महारजन ने कहा कि मातृभाषा पत्रकारिता का यह ऐतिहासिक सम्मेलन पिछले सम्मेलनों की निरंतरता है और यह 2018 और 2022 में मातृभाषा पत्रकारिता पर आयोजित उन सम्मेलनों की विरासत को अपनाएगा।