महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि राज्य की जनता की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी को महाराष्ट्र विधानसभा के बजट सत्र से निलंबित कर दिया गया है। शिंदे ने कहा, “महाराष्ट्र छत्रपति शिवाजी महाराज और छत्रपति संभाजी महाराज का अपमान करने वाले किसी को भी माफ नहीं करेगा। यह सिर्फ पहला कदम है। अगर दोबारा ऐसा हुआ तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।”
विधानसभा में पारित हुआ निलंबन प्रस्ताव
महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने मुगल बादशाह औरंगजेब पर विवादित टिप्पणी करने के कारण अबू आजमी को बजट सत्र की पूरी अवधि के लिए निलंबित कर दिया। संसदीय कार्य मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने विधानसभा में प्रस्ताव रखते हुए कहा कि आजमी के बयान से सदन की गरिमा को ठेस पहुंची है। इसके बाद स्पीकर ने उनकी सदस्यता निलंबित करने का प्रस्ताव पारित कर दिया।
औरंगजेब पर बयान से विवाद
अबू आजमी ने कथित तौर पर कहा था कि औरंगजेब एक क्रूर प्रशासक नहीं था और उसने कई मंदिरों का निर्माण कराया था। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि मुगल सम्राट और छत्रपति संभाजी महाराज के बीच युद्ध धार्मिक नहीं, बल्कि प्रशासनिक कारणों से हुआ था। उनकी इस टिप्पणी से सदन में तीखी प्रतिक्रिया हुई और उनके निलंबन की मांग उठी।
अबू आजमी ने निलंबन पर जताई नाराजगी
अबू आजमी ने बजट सत्र की पूरी अवधि के लिए निलंबन को लेकर निराशा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि उनका बयान ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित था और इसे गलत तरीके से पेश किया गया है। हालांकि, महाराष्ट्र सरकार और विधानसभा अध्यक्ष ने जनता की भावनाओं को आहत करने वाले किसी भी बयान को अस्वीकार्य बताया।
महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी महाराज और संभाजी महाराज का सम्मान सर्वोपरि है। सरकार इस मामले में सख्त रुख अपनाए हुए है और किसी भी तरह के आपत्तिजनक बयानों पर कड़ी कार्रवाई करने को तैयार है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि अबू आजमी इस मुद्दे पर आगे क्या रुख अपनाते हैं।