दो सीटों से चुनाव लड़ना पड़ेगा भारी, जनप्रतिनिधियों को चुकाना होगा उपचुनाव का पूरा खर्च
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सियासतदारों के लिए EC की चेतावनी
न्यूज डेस्क ( नेशनल थॉट्स ) : राजनीति में आना और सियासत की बागडोर को संभालना सभी का ख्वाब होता है | लेकिन इस बीच सियासतदारों के लिए चुनाव आयोग एक बड़ी मुसीबत लेकर आ रहा है। दरअसल इलेक्शन कमिशन ने दो दशक पुराने एक कानून पर विचार करते हुए सरकार से कहा है कि एक से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने वाले कानून पर प्रतिबंधित कर संशोधन करना जरूरी है |
दो दशक पुरानी परंपरा को बंद करना जरूरी
यहां तक कि आगे आयोग ने कहा है कि यदि एक से अधिक सीट पर चुनाव लड़ने पर प्रतिबंधित नहीं लगता तो इस परंपरा को बंद करने या इस पर रोक लगाने के लिए भारी जुर्माना लगाने का नियम बनाने के लिए कहा है। ताकि ऐसी परंपरा को बंद किया जा सके। क्योंकि एक से अधिक सीट पर चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी यदि दो सीटों पर जीतता है तो एक सीट को खाली करना पड़ता है ऐसे में उस सीट पर 6 महीने के अंदर उपचुनाव कराना होता है , जिससे आयोग को नुकसान उठाना पड़ता है। जो EC की मजबूरी भी बन जाती है।
उपचुनाव का पूरा खर्च सीट छोड़ने वाला प्रत्याशी चुकाये
वर्ष 1996 में जन प्रतिनिधित्व अधिनियम में संशोधन करके यह व्यवस्था की गई कि कोई भी प्रत्याशी एक चुनाव में दो से अधिक सीटों से चुनाव लड़ सकता हैं। इस संशोधन से पहले तक चुनाव लड़ने के लिए सीटों की संख्या की कोई सीमा तय नहीं थी। खबर के मुताबिक एक अधिकारी ने अपने तर्क में मौजूदा व्यवस्था यदि बनी रहती है तब उपचुनाव का पूरा खर्च उस व्यक्ति से वसूला जाए |