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एक्साइज़ नीति मामला: क्या केजरीवाल को मिलेगी राहत? ED ने जमानत का किया विरोध, कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अब समाप्त हो चुकी उत्पाद शुल्क नीति से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गुरुवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका का विरोध किया। साथ ही साथ आरोप लगाया कि 2022 के गोवा चुनावों के दौरान आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक के 7-सितारा होटल में ठहरने के लिए हवाला पैसे का इस्तेमाल किया गया था। फिलहाल दिल्ली की अदालत ने दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया।

ईडी की ओर से पेश होते हुए एएसजी राजू ने कहा कि ईडी के पास दस्तावेजी सबूत हैं जो दिखाते हैं कि अपराध की कथित आय का एक हिस्सा 2022 के राज्य चुनावों के दौरान गोवा के ग्रैंड हयात होटल में केजरीवाल के ठहरने की लागत को कवर करने के लिए इस्तेमाल किया गया था। यह दिल्ली की एक अदालत द्वारा केजरीवाल की हिरासत तीन जुलाई तक बढ़ाए जाने के एक दिन बाद आया है। ईडी ने आज कहा कि उसके साक्ष्य से पता चलता है कि केजरीवाल के ठहरने के लिए होटल और भोज शुल्क का भुगतान करने के लिए चरणप्रीत सिंह द्वारा 50,000 रुपये की किस्तों में 1.5 लाख रुपये का भुगतान किया गया था।

ईडी ने आरोप लगाया कि चरणप्रीत, जिसने कथित तौर पर आप के गोवा चुनाव फंड का प्रबंधन किया था, ने विभिन्न “अंगड़िया” (हवाला ऑपरेटरों) से लगभग 45 करोड़ रुपये नकद प्राप्त किए और आप के गोवा चुनाव अभियान के लिए नकदी के प्रबंधन में शामिल था। ईडी ने यह भी कहा कि उसके पास सागर पटेल नाम के एक व्यक्ति सहित गवाहों के बयान हैं, जो AAP के गोवा चुनाव खर्च के लिए चरणप्रीत, प्रिंस कुमार और राजीव मोंडकर को किए गए नकद भुगतान की पुष्टि करते हैं। एजेंसी ने तर्क दिया कि केजरीवाल द्वारा अपने फोन का पासवर्ड देने से इनकार करने पर उनके खिलाफ प्रतिकूल निष्कर्ष निकाला जाना चाहिए, जो सामान्य जमानत कानून के तहत भी जमानत से इनकार करने का आधार है।

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