हर साल 27 जनवरी को परिवार साक्षरता दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य परिवार के सदस्यों को पढ़ाई और साक्षरता से जुड़ी गतिविधियों में भाग लेने के महत्व को समझाना है। यह पहल 1999 से शुरू हुई थी, जिसमें स्कूल, पुस्तकालय, साक्षरता संगठन और अन्य सामुदायिक समूह सक्रिय रूप से भाग लेते हैं।
बच्चों के साथ पढ़ने या सीखने की आदत उनके विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। यह उनकी साक्षरता क्षमता को सुधारता है और माता-पिता को भी अपने कौशल को निखारने का अवसर प्रदान करता है।
पारिवारिक साक्षरता का अर्थ क्या है?
पारिवारिक साक्षरता का उद्देश्य पूरे परिवार के पढ़ने और लिखने के कौशल को सुधारना है। इसमें माता-पिता, दादा-दादी और अन्य पारिवारिक सदस्य शामिल होते हैं।
बच्चों को नियमित रूप से पढ़ने की आदत डालने और उन्हें पढ़कर सुनाने से वयस्क भी अपने कौशल को सक्रिय रखते हैं।
मनोरंजक और शिक्षाप्रद साक्षरता गतिविधियां न केवल बच्चों के कौशल को निखारती हैं, बल्कि परिवार के सदस्यों के बीच आपसी संबंध भी मजबूत करती हैं।
पारिवारिक साक्षरता बच्चों के लिए स्कूल में रुचि बढ़ाने और सफलता प्राप्त करने का आधार बनती है।
कैसे मनाएं परिवार साक्षरता दिवस?
पुस्तक विनिमय कार्यक्रम आयोजित करें
अपने परिवार के सदस्यों से उनकी पुरानी किताबें लाने को कहें और उन्हें ऐसी किताबों से बदलें जो उन्होंने अभी तक नहीं पढ़ी हैं।
साक्षरता रात्रि का आयोजन करें
माता-पिता और बच्चों को पारिवारिक साक्षरता रात्रि में आमंत्रित करें।
किताबें पढ़ें, शिल्पकला बनाएं, और नाश्ते का आनंद लें।
बच्चों के लिए निःशुल्क किताबें उपहार स्वरूप दें।
शिक्षण संसाधनों का उपयोग करें
स्कूलों, पुस्तकालयों और अन्य संगठनों से उपलब्ध निःशुल्क शिक्षण और प्रचार सामग्री का लाभ उठाएं।
परिवार साक्षरता दिवस का महत्व
बच्चों के साक्षरता कौशल में सुधार होता है।
माता-पिता को अपने कौशल को निखारने का अवसर मिलता है।
यह पूरे परिवार में आजीवन सीखने और पढ़ने की आदत को बढ़ावा देता है।
परिवार के सदस्यों के बीच संबंध मजबूत होते हैं।
पढ़ाई और साक्षरता को परिवार के साथ जोड़ने का यह खास दिन न केवल बच्चों के भविष्य को उज्ज्वल बनाता है, बल्कि वयस्कों को भी प्रेरित करता है। आइए, इस परिवार साक्षरता दिवस पर अपने परिवार के साथ पढ़ने की नई शुरुआत करें।