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दिल्ली-एनसीआर में फिर किसानों का गदर, 7 प्रमुख मांगें

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दिल्ली में किसान मार्च: 7 प्रमुख मांगें और सुरक्षा उपाय

किसान संगठन दिल्ली की ओर मार्च करने की योजना बना रहे हैं, जो 2 दिसंबर से शुरू होगा। किसान नए कृषि कानूनों के तहत उचित मुआवजे और लाभ की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। भारतीय किसान परिषद (BKP) के नेता सुखबीर खलीफा ने इसकी पुष्टि की और कहा कि मार्च नोएडा में महा माया फ्लाईओवर से शुरू होगा। इस मार्च में किसान दिल्ली पहुंचकर अपनी 7 प्रमुख मांगों को लेकर प्रदर्शन करेंगे।

किसान प्रदर्शन की मुख्य 7 मांगें:

कानूनी गारंटी वाला न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP)

कृषि ऋण माफी

किसानों और कृषि मजदूरों के लिए पेंशन

पिछले विरोध प्रदर्शनों में दर्ज मामलों को वापस लेना

2021 के लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय

भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 को बहाल करना

2020-21 के विरोध प्रदर्शनों में मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा

सुरक्षा उपाय और ट्रैफिक डायवर्जन

इस विरोध मार्च को देखते हुए दिल्ली पुलिस और गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने सुरक्षा उपायों को बढ़ा दिया है। दिल्ली-एनसीआर सीमा पर भारी बैरिकेडिंग की गई है और पुलिस वाहनों की जांच कर रही है। इसके कारण डीएनडी फ्लाईवे और चिल्ला बॉर्डर पर भारी ट्रैफिक जाम हो गया है। पुलिस ने ट्रैफिक जाम से बचने के लिए लोगों को मेट्रो का उपयोग करने की सलाह दी है।

पुलिस की तैयारियां

पुलिस ने 4,000 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया है और तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था बनाई है। नोएडा-दिल्ली सीमा पर रूट डायवर्जन किया गया है। एम्बुलेंस और आपातकालीन वाहनों को रूट डायवर्जन से छूट दी गई है।

किसानों के लिए यह आंदोलन महत्वपूर्ण है क्योंकि वे अपनी मांगों को लेकर अपनी आवाज उठा रहे हैं, और सरकार से जल्द समाधान की उम्मीद करते हैं।

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