नई दिल्ली (नेशनल थॉटस) : प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना के तहत फार्मास्यूटिकल्स विभाग (डीओपी) ने फार्मास्यूटिकल्स के लिए पहली किश्त जारी कर दी है। बता दें इसके अंतर्गत चार चयनित आवेदकों को फार्मास्युटिकल्स की 166 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन राशि की पहली किस्त जारी की गई है।
उच्च स्तरीय चिकित्सा उपकरणों के पुर्जों के निर्माण में आत्मनिर्भर होगा देश
इस कदम का असर देश में उच्च स्तरीय चिकित्सा उपकरणों के पुर्जों के निर्माण में आत्मनिर्भरता की दिशा में नजर आएगा। इस मौके पर चयनित आवेदकों के प्रयासों की सराहना करते हुए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने कहा कि स्वदेशी उत्पादन के माध्यम से आयात निर्भरता को कम करते हुए, केन्द्र सरकार उच्च मूल्य वाली फार्मास्यूटिकल्स और आधुनिक चिकित्सा उपकरणों के उत्पादन पर ध्यान केंद्रित कर रही है। देश में उच्च स्तरीय चिकित्सा उपकरणों के पुर्जों का निर्माण आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और बड़ा कदम होगा।
फार्मास्यूटिकल्स विभाग ने 2021 में फार्मास्यूटिकल्स के लिए की थी PLI योजना शुरू
सरकार की आत्मनिर्भर पहल के तहत, फार्मास्यूटिकल्स विभाग ने 2021 में फार्मास्यूटिकल्स के लिए पीएलआई योजना शुरू की। इस पीएलआई योजना के तहत वित्तीय परिव्यय छह साल की अवधि में 15,000 करोड़ रुपए है। योजना के तहत अब तक 55 आवेदकों का चयन किया गया है, जिनमें 20 सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) शामिल हैं। 2022-2023 का वित्तीय वर्ष पीएलआई योजना के लिए उत्पादन का पहला वर्ष है, डीओपी ने बजट परिव्यय के रूप में 690 करोड़ रुपए निर्धारित किए हैं।
उत्पादों की 3 अलग-अलग श्रेणियों को किया जाएगा सपोर्ट
उल्लेखनीय है कि इस योजना के तहत उत्पादों की 3 अलग-अलग श्रेणियों का समर्थन किया जा रहा है। इनमें बायोफार्मास्यूटिकल्स; जटिल जेनेरिक दवाएं; पेटेंट वाली दवाएं या पेटेंट की समाप्ति के करीब आने वाली दवाएं, सेल आधारित या जीन थेरेपी दवाएं, बल्क दवाएं, ऑटो इम्यून ड्रग्स, एंटी-कैंसर ड्रग्स, एंटी-डायबिटिक ड्रग्स, एंटी-इंफेक्टिव ड्रग्स, कार्डियोवस्कुलर ड्रग्स, साइकोट्रोपिक ड्रग्स और एंटी-रेट्रोवायरल ड्रग्स, इन विट्रो डायग्नोस्टिक डिवाइस शामिल हैं।